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Balrampur News: एमएलके पीजी कॉलेज में आयोजित हुआ फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, छात्र-छात्राओं दिलाया संकल्प

Balrampur News: एमएलके पीजी कॉलेज के सभागार में स्वास्थ्य विभाग, एनसीसी, एनएसएस व रोवर्स-रेंजर्स के संयुक्त तत्वावधान में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस मौके पर छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया मुक्त भारत का संकल्प दिलाया गया।

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Published on: 3 Aug 2023 8:34 PM IST
Balrampur News:  एमएलके पीजी कॉलेज में आयोजित हुआ फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, छात्र-छात्राओं दिलाया संकल्प
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(Pic: Newstrack)

Balrampur News: जिले के एम एल के पीजी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जेपी पाण्डेय के निर्देशन में फाइलेरिया उन्मूलन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान मलेरिया निरीक्षक हिमांशु वर्मा ने छात्र-छात्राओं से अपील किया कि भारत सरकार के दिशा निर्देश में 10 अगस्त से 28 अगस्त तक घर घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाने में सहयोग दें। जबकि फाइलेरिया जिला कोऑर्डिनेटर अतुल तिवारी ने फाइलेरिया बीमारी के बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए उसके लक्षण व उपचार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोग परजीवी कृमियों के कारण होता है जो खून पीने वाले कीड़ों के काटने से फैलता है। बीमारियों के इस दुर्बल करने वाले समूह में रिवर ब्लाइंडनेस और लिम्फैटिक फाइलेरियासिस, आमतौर पर एलिफेंटियासिस के रूप में शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि जबकि ओन्कोसेरसियासिस, जिसे आमतौर पर रिवर ब्लाइंडनेस के रूप में जाना जाता है, एक फाइलेरिया रोग है जो परजीवी नेमाटोड कृमि ओन्कोसेरका वॉल्वुलस के कारण होता है। लोग खून चूसने वाली काली मक्खियों के काटने से फैलने वाले कीड़ों से संक्रमित होते हैं, जो तेजी से बहने वाली नदियों में प्रजनन करते हैं। साथ ही रिवर ब्लाइंडनेस आमतौर पर घातक नहीं है, लेकिन यह लाखों लोगों को कठिनाई और दुख पहुंचाता है।

उन्होंने कहा कि मानव शरीर में, वयस्क कृमि भ्रूणीय लार्वा (माइक्रोफ़िलारिया) उत्पन्न करते हैं जो त्वचा, आँखों और अन्य अंगों में चले जाते हैं। कीड़े गंभीर खुजली, विकृत त्वचा की स्थिति और अंधापन या क्षीण दृष्टि का कारण बन सकते हैं। वही नदी अंधापन को खत्म करने के प्रयास कुछ क्षेत्रों में एक अन्य परजीवी संक्रमण द्वारा बाधित होते हैं जिसे लोआसिस , या 'अफ्रीकी आंख का कीड़ा' कहा जाता है। जिन व्यक्तियों के रक्त में लोआ लोआ लार्वा (माइक्रोफ़िलारिया) की बहुत अधिक मात्रा होती है, उन्हें रिवर ब्लाइंडनेस की दवा आइवरमेक्टिन मिलने पर जीवन-घातक जटिलताओं का खतरा होता है।

कार्यक्रम में सांस्कृतिक निदेशक डॉ.अनामिका सिंह ने सभी को फाइलेरिया मुक्त भारत का संकल्प दिलाया। मुख्य कार्यक्रम के अधिकारी एनएसएस डॉ.आलोक शुक्ल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के संचालक व महाविद्यालय के एसोसिएट एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ. देवेन्द्र कुमार चौहान ने सभी का स्वागत करते हुए फाइलेरिया बीमारियों से बचने के लिए सजग रहने व अन्य को जागरूक रहने की सलाह दी।

Balrampur News: बलरामपुर गोंडा मार्ग पर बनेगा भव्य बौद्ध सर्किट द्वार

Balrampur News: जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने वृहस्पतिवार को गोंडा- बलरामपुर मार्ग पर ग्राम बहादुरपुर में जिले की सीमा पर प्रस्तावित भव्य प्रवेशद्वार स्थल का निरीक्षण किया गया। बलरामपुर- गोंडा रोड पर जनपद की सीमा पर बनने वाला भव्य प्रवेश द्वार बौद्ध सर्किट के एंट्रेंस द्वार के रूप में कार्य करेगा। डीएम ने भव्य प्रवेश द्वार के स्थल के निरीक्षण के दौरान दोनों ओर सुंदर लाइटनिंग किए जाने एवं विशेषताओं स्थलों आदि को अंकित किए जाने का निर्देश दिया। डीएम के विशेष प्रयास से एनएच से भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाने की विधिक सहमति प्राप्त हो गई है। बता दें कि चीनी मिल बलरामपुर ने शीघ्र ही सीएसआर फंड से भव्य प्रवेश द्वार निर्माण की सहमति प्रदान की है। जिसके द्वारा निर्माण कार्य शीघ्र ही प्रारंभ कराया जाएगा।

जिलाधिकारी ने स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को दिए निर्देश

डीएम ने कहा कि भव्य प्रवेश द्वार बनने से जिले में आने वाले लोगों को सु:खद अनुभव होगा, प्रवेश द्वार पर लोगों के सत्कार के लिए स्लोगन लिखे जाएंगे। वहीं सीमा के बाहर जाने वाले लोगों के लिए आभार व्यक्त किया जाएगा। उन्होंने बताया है कि जनपद में प्रवेश करने वाले एवं बाहर जाने वाले लोग जिले की विशेषताओं एवं महत्व से परिचित होंगे। उन्होंने कहा कि बलरामपुर का अपना ऐतिहासिक महत्त्व है, जिसका पता बाहर से आने वाले लोगों को मिलना चाहिए। इससे बलरामपुर अन्तराष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान पुनः प्राप्त कर सकेगा।



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