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UP News: स्कूलों में मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी, शिक्षा विभाग उठाने जा रहा बड़ा कदम

UP News: शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक (लखनऊ मंडल) प्रदीप कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया। बैठक में अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यश्र अनिल अग्रवाल भी शामिल हुए।

Krishna Chaudhary
Published on: 7 Oct 2023 2:56 AM GMT
mobile phones in schools
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स्टूडेंट्स में मोबाइल फोन की बढ़ती लत   (photo: social media )

UP News: स्टूडेंट्स में मोबाइल फोन की बढ़ती लत इन दिनों परेशानी का सबब बना हुआ है। बच्चों का पढ़ाई से भटकाव ज्यादा होने लगा है। विद्यार्थियों के जीवन को ये कितना प्रभावित कर रहा है, जुलाई में घटी आजमगढ़ की घटना इसका उदाहरण है। लिहाजा माध्यमिक शिक्षा विभाग लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए स्कूलों में मोबाइल के प्रयोग को प्रतिबंधित करने जा रहा है। स्टूडेंट के साथ-साथ टीचर भी मोबाइल का प्रयोग कक्षा में नहीं कर पाएंगे।

शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक (लखनऊ मंडल) प्रदीप कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया। बैठक में अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यश्र अनिल अग्रवाल भी शामिल हुए। जिन्होंने प्राइवेट स्कूलों की तरीफ से शासन के सामने अपनी कुछ मांगें रखीं।

पहले चेतावनी फिर भरना होगा जुर्माना

विद्यार्थी एवं शिक्षक अगर स्कूल परिसर या कक्षा में मोबाइल का प्रयोग करते हुए पाए गए तो पहले उन्हें चेतावनी दी जाएगी। इसके बावजूद भी अगर उन्होंने इसका प्रयोग जारी रखा, तो जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने के बाद अगर रूख में बदलाव नहीं आया तो निष्कासन तक किया जाएगा। स्कूलों के लिए बन रही सुरक्षा एवं संचालन नियमावली में ये प्रावधान किए जाएंगे। ये प्रावधान नर्सरी से लेकर 12वीं तक के स्कूलों पर लागू होंगे।

शिक्षक स्कूल पहुंचने के बाद अपना मोबाइल फोन प्रिंसिपल के दफ्तर में जमा करेंगे। शिक्षकों को आपात स्थिति में प्रिंसिपल के दफ्तर में इसके प्रयोग की छूट दा जाएगी। हालांकि, इस नियम से स्कूल के प्रिंसिपल व प्रशासनिक पदों पर कार्यरत शिक्षकों को छूट मिलेगी यानी वे मोबाइल का प्रयोग कर सकेंगे।

निजी स्कूलों ने सरकार के सामने रखी ये मांग

बैठक में निजी स्कूलों की ओर से अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यश्र अनिल अग्रवाल शामिल हुए। उन्होंने स्कूलों में छात्रों के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पूरी तरह बैन लगाने का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने अभिवावकों के लिए भी गाइडलाइंस बनाने की मांग की, जिसका पालन न किए जाने पर उनके विरूद्ध भी अनुशासनत्मक कार्यवाही हो सके। अगर स्कूल में कोई घटना होती है जो डिप्टी एसपी या उससे ऊपर के अधिकारी से जांच कराई जाए।

अनिल अग्रवाल ने बैठक में कहा कि मौजूदा समय में थानेदार जांच के लिए बुलाते हैं, जिनका बर्ताव सही नहीं होता। अगर स्कूल प्रबंधन पर लगे आरोप झूठे निकले तो अभिवावकों की भी जिम्मेदारी तय की जाए और उनके खिलाफ एक्शन हो। घर से स्कूल जाने और फिर स्कूल से घर जाने के दौरान रास्ते में कोई घटना होती है तो इसके लिए विद्यालय प्रबंधन को जिम्मेदार न ठहराया जाए।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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