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बाराबंकी जहरीली शराब कांड: प्रशासन द्वारा 18 लोगों की मौत की पुष्टि, 4 की संदिग्ध मौत
बाराबंकी के जिलाधिकारी उदय भान त्रिपाठी ने बताया कि अब तक इस मामले में कुल 18 लोगों की जान गई है। फिर सभी को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है। डीएम ने बताया कि चार अन्य लोगों के परिजन भी इस बात का दावा कर रहे हैं कि उनकी जान भी जहरीली शराब पीने से हुई है।
बाराबंकी: जहरीली शराब पीने से मौत मामले में जिला प्रशासन ने 18 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की है, जबकि 4 लोगों की मौत को संदिग्ध माना जा रहा है। वहीं 18 मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 22 लाख का मुआवजे दिया गया। जबकि प्रशासन बाकी चार लोगों की संदिग्ध मौत के कारणों का पता लगाने की बात कह रहा है।
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बाराबंकी के जिलाधिकारी उदय भान त्रिपाठी ने बताया कि अब तक इस मामले में कुल 18 लोगों की जान गई है। फिर सभी को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है। डीएम ने बताया कि चार अन्य लोगों के परिजन भी इस बात का दावा कर रहे हैं कि उनकी जान भी जहरीली शराब पीने से हुई है। इसलिए उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और स्थानीय लोगों का बयान के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही मौत के कारणों का पता लगा लिया जाएगा।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। हम लोग यह पता लगा रहे हैं कि यह माल कहां से आया था। जल्द ही हम लोग इस केस से जुड़े सारे पहलुओं का खुलासा करेंगे। इस केस में मुख्य आरोपी ठेका धारक दानवीर सिंह और आबकारी निरीक्षक रामतीर्थ मौर्य की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। मामले में एक आरोपी पप्पू जायसवाल को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। पप्पू जायसवाल के पैर में गोली लगी है। उन्होंने बताया कि मामले में और जो भी आरोपी होंगे उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
22 पीड़ितों को ट्रामा सेंटर से किया डिस्चार्ज
जहरीले शराब के शिकार हुए पीड़ितों का इलाज राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में चल रहा है। 30 मई का दिन 22 पीड़ितों के लिए राहत भरा रहा है। ट्रामा सेंटर के डाॅक्टरों की टीम ने इन मरीजों को पूर्णतः स्वस्थ बताकर डिस्चार्ज कर दिया। अस्पताल से राहत देते समय सभी पीड़ितों को पूरी सलाह व बचाव के तरीके बताया गया। ट्रामा सेंटर के प्रभारी डाॅ संदीप तिवारी ने बताया कि हमने 22 लोगों को डिस्चार्ज कर दिया है। उनकी हालत सुधरने पर डाॅक्टरों ने यह निर्णय लिया है।
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23 मरीजों का अभी भी चल रहा है इलाज
डाॅ तिवारी के मुताबिक, ट्रामा सेंटर में अभी भी 23 मरीजांे का उपचार चल रहा है। इनमें से 9 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं और उनकी हालात भी पहले से ठीक हो रही है।
सभी मरीजों का इलाज निशुल्क हुआ
बाराबंकी के जहरीले शराब कांड में जो लोग फंसे हैं, उनका उपचार पूरी तरह से निशुल्क हुआ है। इसके अलावा मरीजों को दवा देने से लेकर हर तरह के इंतजाम बेहतर रहे हैं।