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बाराबंकी पुलिस ने फेर रखा है मुँह, गरीबों के साथ हो रहा अन्याय, जानिए पूरा मामला
गरीबों की आवाज बनकर आये बड़े पुरस्कारों से सम्मानित समाजसेवी सन्दीप पाण्डेय ने बताया कि जब से भाजपा की सरकार सत्ता में आयी है तबसे सवर्ण दबंगों के हौसले बुलन्द हो गए है
बाराबंकी: इसे निजाम का बदलना कहें या कुछ और... क्योंकि दो तीन साल पहले जहां पुलिस गरीबों के पास जाकर त्यौहारों में खुशियां बाँटती थी उन्हीं गरीबों की बस्ती को जब कुछ भू-माफिया आज उजाड़ने पर आमादा है तो पुलिस ने वहां से मुंह फेर लिया। आज जब इन गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है तो यह गरीब कहां जाएं इनकी कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
चूल्हे और पानी की टंकी भी तोड़ दी
पुलिस इनकी सुन नहीं रही और शहर का कोई नागरिक इनके पक्ष में खड़ा नहीं हो रहा है । बाराबंकी जनपद की नगर कोतवाली इलाके की यह बेशकीमती जमीन मुख्यालय के जेब्रा पार्क के पीछे की है जहाँ दैनिक मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने वाले कुछ परिवारों का पिछले 30 से 40 वर्षों से कुछ गरीब परिवार निवास करते हैं।
दो - तीन वर्षों पूर्व इन गरीबों के बीच आकर बाराबंकी पुलिस उन्हें दीवाली के पटाखें , मिठाई और दिए तथा होली में रंग -गुलाल , गुझिया देकर धन्य होते थे। गरीबो की यह बस्ती दिवाली में रौशनी से सराबोर तथा होली के हुडदंग में पुलिस के रहमों करम से पागल हो जाया करती थी मगर आज यहाँ गिरी हुयी झोपडी , तूरी कच्ची दीवार ही दिखाई देती है। यहाँ तक की इनके घर के चूल्हे और पानी की टंकी भी तोड़ दी गयी। सीधे तौर पर कहा जाए तो आज यहाँ मातम का बोलबाला है ।
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बेशकीमती जमीन
इनकी इस दुर्दशा का कारण इनकी बस्ती की जमीन का बेशकीमती होना है और उनकी इसी जमीन पर भूमाफियाओं की नजर पड़ गयी है। इन गरीबों का आरोप है कि पहले कुछ गुण्डे रात के अँधेरे में आये और उनके साथ मारपीट करते हुए बस्ती खाली करने की धमकी दी फिर दिन के उजाले में आकर घर की महिलाओं ,पुरुषों , बच्चो के साथ तो मारपीट की ही साथ ही उनके पालतू जानवरों को भी नहीं छोड़ा। बस्ती की महिलाओं का आरोप है कि भूमाफियाओं की शिकायत लेकर उनके घर के पुरुष पुलिस के पास गए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें थाने पर ही बैठा लिया ।
अराजकता फैलाई
बस्ती की महिलाओं ने बताया कि भूमाफियाओं ने वह जिस तरह की अराजकता फैलाई उससे वह लोग काफी डरे हुए हैं क्योंकि दहशत फैलाने के लिए जहाँ उन लोगों ने कुछ झोपड़ियों में आग लगाई , महिलाओं के साथ मारपीट की , पुरुषों - बच्चों को मारा पीटा और जब इसे भी उनका मन नहीं भरा तो उनके घर के पालतू जानवरों को भी घायल कर दिया जिससे अब वह जानवर चारा नहीं खा पा रहे हैं। नगर पालिका द्वारा जो पानी की छोटी पाइप लाइन टंकी उनके पानी पीने के लिए बनवायी थी उसे भी क्षतिग्रस्त कर दिया है अब उनके पास पानी की भी बड़ी समस्या है। महिलाओं ने यह भी बताया कि जिस जमीन पर उन्होंने ठिकाना बना रखा है वह ग्राम समाज की है ।
समाजसेवी सन्दीप पाण्डेय ने बताया
गरीबों की आवाज बनकर आये बड़े पुरस्कारों से सम्मानित समाजसेवी सन्दीप पाण्डेय ने बताया कि जब से भाजपा की सरकार सत्ता में आयी है तबसे सवर्ण दबंगों के हौसले बुलन्द हो गए है और उन्हें लगता है कि अब उनकी सरकार आ गयी है अब उनका कोई कुछ नही बिगड़ने वाला और इसी कारण जमकर दबंगई पर उतारू है आज हम एसपी कार्यालय आकर पुलिस की निरंकुशता के खिलाफ आवाज उठा रहे है और समाज के इन वंचित लोगों के साथ खड़े है ।
विरुद्ध एफआईआर दर्ज
हम मांग करते है कि इस मामले के दोषी श्याम पण्डित और उनके साथी मौर्या के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्यवाई की जाए । सन्दीप पाण्डेय के साथ काम करने वाले अमित मौर्य ने बताया कि जब वह थाने पर लाये गए इन अनुसूचित जाति के लोगों की जानकारी चाही तो पुलिस ने उन्हें भी बैठा लिया ।
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नर सेवा , नारायण सेवा
ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अब तक जो " नर सेवा , नारायण सेवा " कर रही थी क्या वह सिर्फ ढोंग था कि एसपी के बदलते ही उनकी मानसिकता बदल गयी । आखिर क्यों पुलिस इन अराजक तत्वों के खिलाफ कोटि कार्यवाई नहीं कर रही है |
रिपोर्ट सरफराज वारसी