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कोरोना काल में मिली बड़ी राहत, मोक्षदायिनी से रोजगार दायिनी बनी कल्याणी
बाराबंकी में भी प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या में घर वापसी की है और यहाँ जिला प्रशासन ने इन लोगों को कल्याणी नदी के पुनरुद्धार के काम में लगा दिया, जिससे मजदूर सरकार की इस पहल से काफी खुश नज़र आ रहे हैं ।
बाराबंकी: इस समय बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर घर वापसी कर रहे हैं और सरकार के सामने चुनौती है इनको रोजगार देने की ।ऐसे में सरकार के लिए मनरेगा रोजगार देने में सबसे बड़ी ताकत साबित हो रही है । बाराबंकी में भी प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या में घर वापसी की है और यहाँ जिला प्रशासन ने इन लोगों को कल्याणी नदी के पुनरुद्धार के काम में लगा दिया, जिससे मजदूर सरकार की इस पहल से काफी खुश नज़र आ रहे हैं ।
कल्याणी नदी जो गोमती से मिलकर सरयू में सम्मिलित होती
तस्वीरों में मिट्टी की खुदाई करते यह मजदूर प्रवासी है और जहां यह खुदाई कर रहे हैं वह कल्याणी नदी है । कल्याणी नदी जो गोमती से मिलकर सरयू में सम्मिलित होती है इस लिए इसे लोग मोक्षदायिनी भी मानते है नगर अब यह प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार दायिनी बन गयी है ।
यहां काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि उन्हें मेहनताने के रूप में दो सौ एक रुपया मिलता है और वह सीधे खाते में आ जाता हैं ।सरकार की इस पहल को यह मजदूर अपने लिए वरदान से काम नहीं मानते हैं और काफी सन्तुष्ट और खुश दिखाई देते हैं ।
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इस मामले में मौके पर काम देख रहे फतेहपुर ब्लाक के बीडीओ हेमन्त यादव ने बताया की यह कल्याणी नदी के पुरूद्धार का कार्य किया जा रहा है और इसमें वह मजदूर लगाए गए हैं जो बाहर मजदूरी करने गए थे और होली के दौरान यहाँ आ गए थे । हेमन्त यादव ने बताया कि जितने भी मजदूर यहाँ आएंगे वह सभी इस काम में लगाए जायेंगे ।
इस नदी के पुनर्रुद्धार का काम मार्च में शुरू किया गया था और इस समय मवैया ग्राम पंचायत में काम हो रहा है किसी भी मजदूर को रोजगार से वंचित नहीं रखा जायेगा ।