आ रही योगी सरकार की बीसी सखी, अब महिलाओं को मिलेगा रोजगार

योगी सरकार की महिला सशक्तिकरण की बीसी सखी योजना गांवों में बैंकिंग का नया अध्याय शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत चयनित महिलाओं को पहले बैंक के काम-काज का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

Newstrack
Published on: 10 Dec 2020 7:15 AM GMT
आ रही योगी सरकार की बीसी सखी, अब महिलाओं को मिलेगा रोजगार
X
आ रही योगी सरकार की बीसी सखी, अब महिलाओं को मिलेगा रोजगार (PC: social media)

लखनऊ: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में बीसी सखी योजना की शुरुआत की है। बीसी यानी बिजनेस कॉरस्पांडेंट के तौर पर काम करने के लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का चयन किया गया है। बीसी सखी योजना में चयनित महिलाओं का 15 दिसंबर से प्रशिक्षण शुरू हो रहा है। यह महिलाएं अपने गांव में लोगों को बैंकिंग सुविधा मुहैया कराएंगी।

ये भी पढ़ें:घाटी में जासूसी: ड्रोन से हुआ खुलासा, पाकिस्तान रच रहा ये साजिश

महिला सशक्तिकरण की बीसी सखी योजना गांवों में बैंकिंग का नया अध्याय शुरू करने जा रही है

योगी सरकार की महिला सशक्तिकरण की बीसी सखी योजना गांवों में बैंकिंग का नया अध्याय शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत चयनित महिलाओं को पहले बैंक के काम-काज का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बाद में यह महिलाएं अपने गांव में लोगों को बैंक सेवा मुहैया कराने वाले प्रदाता के तौर पर काम करेंगी। इन्हें बैंकों का बिजनेस कॉरस्पोंडेंट बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने आवास पर एक कार्यक्रम में बीसी सखी योजना के क्रियान्वयन रूपरेखा का अवलोकन किया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बीसी (बिजनेस करेस्पॉण्डेन्ट) सखी के रूप में चयनित सभी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित कर उन्हें कार्य स्थल पर तैनात करने की कार्यवाही तेज की जाए। बीसी सखी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सुविधाओं की उपलब्धता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। इस योजना के माध्यम से बड़े पैमाने पर महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इससे महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों को नये आयाम मिलेंगे।

चयनित बीसी सखी का प्रशिक्षण 15 दिसम्बर से प्रारम्भ किया जा रहा है

अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि चयनित बीसी सखी का प्रशिक्षण 15 दिसम्बर से प्रारम्भ किया जा रहा है। बीसी सखी के चयन में स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा, समूह सखी, स्वयं सहायता समूह की सदस्य/पदाधिकारी को वरीयता प्रदान की गई। बीसी सखी के लिए प्रथम चरण में 56 हजार 875 आवेदक शॉर्टलिस्ट किए गए हैं। हर ग्राम पंचायत में एक महिला को बीसी सखी के तौर पर तैनात किया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरान्त सर्टिफिकेशन के लिए आईआईबीएफ से ऑनलाइन परीक्षा करायी जाएगी। परीक्षा उत्तीर्ण न कर पाने की स्थिति में वेटिंग लिस्ट की अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण पर भेजा जाएगा। सर्टिफिकेशन के उपरान्त पुलिस वेरिफिकेशन की कार्यवाही भी कराई जाएगी।

ये भी पढ़ें:एटा में सरकारी गोलमाल: कोर्ट का आदेश नगर पालिका को मंजूर नहीं, किया ये काम

बीसी सखी को छह माह में मिलेंगे 24 हजार रुपये

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि चयनित बीसी सखी को डेस्कटॉप कम्प्यूटर/लैपटॉप/पॉश मशीन, कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट रीडर/इण्टीग्रेटेड इक्विपमेण्ट के लिए 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। इक्विपमेण्ट क्रय बीसी सखी की ओर से स्वयं किया जाएगा। बीसी सखी के खाते में यह पैसा स्वयं सहायता समूह द्वारा ब्याज रहित ऋण के रूप में दिया जाएगा। बीसी सखी को चयन के छह माह तक चार हजार रुपए प्रति माह स्टाइपेण्ड प्रदान किया जाएगा।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story