TRENDING TAGS :
हो जाएं सावधान! एसिडिटी की यह दवा ली तो हो सकता है कैंसर
भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशो को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इन औषधियों के निर्माताओं को इसकी जानकारी देते हुए, उनके उत्पादों की जांच करा कर उचित कार्यवाही करें और इस संबंध में की गयी कार्रवाई से केंद्रीय कार्यालय को अवगत कराये।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: अगर आप एसिडिटी के मरीज है और आपके डाक्टर ने आपकों रैनटेक, एसीलाक, जिनटेक जैसी कोई दवा लेने की सलाह दी है तो सावधान हो जाइये। यह दवा आपको एसिडिटी से राहत तो दे देगी लेकिन ऐसा रोग दे देगी जिसका अभी इलाज ही संभव नहीं है।
भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशो को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इन औषधियों के निर्माताओं को इसकी जानकारी देते हुए, उनके उत्पादों की जांच करा कर उचित कार्यवाही करें और इस संबंध में की गयी कार्रवाई से केंद्रीय कार्यालय को अवगत कराये।
ये भी देखें :विधानसभा उपचुनाव: ये होंगे बसपा के स्टार प्रचारक
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने सभी राज्यों को लिखा पत्र
भारत के केंद्रीय औषधि नियंत्रक डा. वीजी सोमानी ने बीते सोमवार को जारी अपने पत्र में बताया है कि इन औषधियों में रैनिटिडाइन नामक ड्रग होता है, जो एसिडिटी को काबू में करने के लिए दिया जाता है। उन्होंने बताया कि कैंसर शोध की अंतर्राष्ट्रीय संस्था आईएआरसी ने इन दवाओं में एन-नाइट्रोसोडियमएथामाइन (एनडीएमए) केमिकल पाया है।
यह एनडीएमए मनुष्यों के लिए कैंसर जनक केमिकल माना जाता है। डा. सोमानी ने अपने पत्र में लिखा है कि रैनिटिडाइन नामक ड्रग अपने देश में मान्य है और गोलियों, इंजेक्शनों आदि कई स्वरूपों में मिलता है।
भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति इस रैनिटिडाइन नामक ड्रग का सेवन करता है
एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति इस रैनिटिडाइन नामक ड्रग का सेवन रैनटेक, एसीलाक, जिनटेक जैसे नामो से प्रचलित दवाओं के जरिये करता है। जबकि लगभग सभी विकसित देशो ने यूएस-फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के निर्देशों को मानते हुए रैनिटिडाइन ड्रग के खिलाफ शुरूआती कदम उठाते हुए इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है। इस रैनिटिडाइन ड्रग का सबसे बड़ा बिक्रीकर्ता जीएसके (GSK)फार्मास्यूटिक्ल है।
ये भी देखें : इसने तो पाकिस्तान की ‘फाड़’ के रख दी, देखें तस्वीरों में…
एसिडिटी के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली औषधियों के अलावा एन-नाइट्रोसोडियमएथामाइन केमिकल हाई ब्लड प्रेशर के लिए इस्तेमाल होने वाली एक बहुप्रचलित औषधि लोसट्रान में भी पाया जाता है और इसे भी कई पश्चिमी देशो ने बैन कर दिया है लेकिन भारत में यह धडल्ले से बिकती है।