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भदोही से बड़ी खबरः राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर, पानी की टंकी पर युवक
सरकार भले ही सबका साथ सबका विकास की बात करती है लेकिन यह सब स्थानीय स्तर पर बडा ही बेअसर दिखता है। और इसकी वजह है भ्रष्टाचार।
भदोही: सरकार भले ही सबका साथ सबका विकास की बात करती है लेकिन यह सब स्थानीय स्तर पर बडा ही बेअसर दिखता है। और इसकी वजह है भ्रष्टाचार। क्योकि सरकार के सख्ती के बावजूद भी भ्रष्टाचार कम होते नही दिख रहा है। और इसकी वजह से लोग परेशान और दर-दर की ठोकर खाने पर विवश है। और अपनी विवशता से अजीज आकर कभी कभी ऐसा फैसला ले लेते है जो चर्चा का विषय बन जाता है।
एक ऐसा ही मामला भदोही के ज्ञानपुर तहसील में दिखा जहां राजस्वकर्मियों और अधिकारियों से त्रस्त होकर तहसील परिसर में बने पानी की टंकी पर चढ गया इसे देखकर प्रशासन के हाथ पाव फूल गये और काफी मिन्नत और समझाने के बाद शख्स को नीचे उतारा जा सका। हालांकि भदोही में टंकी पर चढकर अपनी बाते मनवाना आम बात हो गई है। बीते तीन वर्षों में आधा दर्जन ऐसे मामले देखे जा चुके है जहां राजस्व विभाग की लापरवाही से ऐसे मामले देखने को मिलते है।
पट्टा न मिलने से परेशान युवक
जानकारी के मुताबिक शिवरामपुर निवासी मनीलाल ने मत्स्य पट्टा के लिए बीते 23 सितम्बर को आवेदन किया था। लेकिन छ: माह बाद भी पट्टा न मिलने से वह परेशान था। मनीलाल का कहना है कि जब उसने आवेदन किया था तो वह इकलौता आवेदक था लेकिन उसे अब पता चला है कि बनवारी नामक व्यक्ति भी आवेदन किया है। कहा कि मैने सभी कागजात लगाकर आवेदन जमा किया था जबकि बनवारी केवल आधार कार्ड जमा किया और बाद में विभाग के लोग बैक डेट में उसका सभी कागज बनाकर आवेदन में लगाये और इसी वजह से मेरा पट्टा निरस्त हो गया।
मनीलाल ने आरोप लगाया कि स्थानीय लेखपाल इन्दू तिवारी ने उससे पांच हजार रूपये घूस लिया और कोई भी काम न किया। कहा कि ऐसे ही आख्या के नाम पर तहसील में हर जगह वसूली होती है। और यह सब ज्ञानपुर तहसीलदार की वजह से हो रहा है। कहा कि उसने इसकी शिकायत डीएम, एसडीएम को भी की लेकिन कोई कार्यवाही न हुई उसके बाद टंकी पर चढने का फैसला लिया।
शख्स गलतफहमी का शिकार
ज्ञानपुर के तहसीलदार देवेंद्र कुमार ने कहा कि शख्स गलतफहमी का शिकार है और समझ रहा है कि उसके विपक्षी को पट्टा दिया गया है। इसीलिए वह मामला समझ नही रहा है। पट्टा आबंटन निरस्त कर दिया गया है और किसी को भी पट्टा नही दिया गया है। और फिर आगे नीलामी की बोली लगाकर पट्टा आबंटित किया जायेगा। किसी दूसरे को पट्टा आबंटित नही किया गया है। अपने ऊपर पैसा लेने के आरोप के बारे में तहसीलदार ने कहा कि मनीलाल गलतफहमी के शिकार और विक्षिप्त है इनके आरोप को शिरे से इनकार करता हूं और यह गलत आरोप लगा रहे है।
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उपजिलाधिकारी ने कही ये बात
अपर उप जिलाधिकारी डाॅ ज्ञानप्रकाश ने कहा कि शिवरामपुर का पट्टा 17 मार्च को उपजिलाधिकारी द्वारा कुछ त्रुटियां होने की वजह से निरस्त कर दिया गया है। और आगे पुनः निलामी की प्रकिया कराकर पात्र को मत्स्य पालन का पट्टा आबंटित होगा। मनीलाल द्वारा तहसीलदार पर आरोप लगाने के संबंध में कहा कि यदि लिखित शिकायत मिलती है तो इसकी जांच कराई जायेगी। टंकी पर चढना आम बात हो गई है इस पर अपर उपजिलाधिकारी ने कहा कि लोग इस तरह के कार्यो से बचे। प्रशासन पुरी तरह से मामलों के निस्तारण में प्रयासरत है लेकिन संख्या कम होने और क्षेत्र अधिक होने से देर होता है। लेकिन जल्द ही टीम का गठन करके मामलों का निस्तारण करने का प्रयास है। कहा कि आत्महत्या करने का प्रयास करना, आत्महत्या करने के लिए उकसाना गैरकानूनी है। इस तरह का प्रयास करने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी की जा सकती है।
मालूम हो कि भदोही जिले में राजस्व विभाग में सुविधा शुल्क की प्रथा से इन्कार नही किया जा सकता है और इसके कई मामले सामने आ भी चुके है। लेकिन इस बार लेखपाल के अलावा तहसीलदार पर भी पैसे लेने का आरोप काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान तहसीलदार पर इतना बडा आरोप अभी तक खुलेआम नही लगा था।
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जानबूझकर कार्यों में देरी
यहां सवाल पैदा होता है कि आखिर राजस्व विभाग जानबूझकर कार्यों में देरी क्यों करता है। और जब कलम फंसती नजर आती है तो लोग आनन फानन काम सेटल करने में जुट जाते है। तहसील परिसर में ही एक शख्स ने तहसीलदार के ऊपर पैसे मांगने का आरोप लगाया कि तहसीलदार पैसा मांग रहे थे नही दिया। और कह दिया कि काम हो या न हो पैसा नही दूंगा। जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी पर खुलेआम इस आरोप में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। लेकिन राजस्व विभाग में सुविधा शुल्क की प्रथा से इन्कार करना कठिन है।
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रिपोर्ट- उमेश सिंह