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कानपुर: विपक्ष के अरमानों पर पुलिस ने फेरा पानी, भारत बंद रहा बेअसर

कानपुर में किसान आंदोलन के समर्थन में विपक्षी दलों द्वारा भारत बंद का दांव उनके लिए ही उल्टा पड़ गया। प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री के आह्वान पर कानपुर वासी भारत बंदी के पक्ष में नहीं बल्कि देश हित में उठाए जा रहे किसान बिल के साथ खड़े दिखे और बाजार खुले रहे।

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Published on: 8 Dec 2020 3:19 PM GMT
कानपुर: विपक्ष के अरमानों पर पुलिस ने फेरा पानी, भारत बंद रहा बेअसर
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पुलिस के सख्त पहरे के आगे भारत बंदी का कानपुर में असर रहा 'बेअसर'

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में किसान आंदोलन के समर्थन में विपक्षी दलों द्वारा भारत बंद का दांव उनके लिए ही उल्टा पड़ गया। प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर कानपुर वासी भारत बंदी के पक्ष में नहीं बल्कि देश हित में उठाए जा रहे किसान बिल के साथ खड़े दिखे और बाजार खुले रहे।

इस दौरान जिला व पुलिस प्रशासन की तैयारियों का असर भी शहर की चौक चौराहों, थोक बाजार, सड़कों पर दिखने को मिला। बंदी के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों सपाई व कांग्रेसियों को घरों में नजरबंद कर निगरानी व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने की कार्रवाई से बंदी कानपुर मंडल में बेअसर पड़ गई।भारत बंदी का एजेंडा लेकर विपक्षी दलों का एलान मंगलवार को धरा का धरा रहे गया। बंदी को लेकर जहां कानपुर में सपाईयों ने परेड स्थित शिक्षक पार्क पर इकठ्ठा होकर प्रदर्शन किए जाना था वहां पर सुबह से ही जिला व पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों ने निगरानी में छावनी में तब्दील कर दिया गया था।इलाके में किसी भी किसान आंदोलन के लिए प्रदर्शनकारियों को प्रशासन ने जमा नहीं होने दिया।

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नजरबंद रहे सपा नेता

सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को सुबह से ही घर पर नजरबंद रखा गया। इसी तरह से ग्रामीण क्षेत्र बिल्हौर में सपा नेत्री रचना सिंह को उनके पति पंकज सिंह समेत हिरासत में ले लिया गया। इसी तरह से जिलाध्यक्ष डॉ. इमरान समेत कई बड़े नेताओं व पदाधिकारियों को पुलिस ने घरों से निकलने नहीं दिया। बर्रा बाईपास पर प्रदर्शन करने पहुंचे कुछ सपाईयों से पुलिस की तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान पुलिस ने अर्पित यादव सहित दर्जनों सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर बसों व पुलिस वाहनों से अस्थाई कारावास भेजा।

कांग्रेसी भी नहीं घरों में रहे कैद

बंदी को लेकर व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कराने की पुरजोर कोशिश करने में लगे कांग्रेस दल के नेताओं को भी मुहं की खानी पड़ी। जिला व पुलिस प्रशासन ने कांग्रेसी नेता हरप्रकाश अग्निहोत्री, पवन गुप्ता सहित कई पदाधिकारियों को घरों पर नजर बंद कर दिया। कानपुर ग्रामीण जिलाध्यक्ष ऊषा कोरी को पुलिस ने लिया हिरासत लेकर उनके घर इंदिरा नगर में नजर बंद रखा।इस बीच सड़कों पर उतरे कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया। प्रशासनिक अफसरों के साथ ही थाना स्तर पर पुलिस की चौकसी के चलते बंदी का कोई भी असर नहीं दिखा।

खुले बाजार, बिकती रही सब्जियां

कल्यानपुर में भारत बंद का असर नहीं दिखा। कल्यानपुर के आवास विकास में लगने वाली सब्जी मंडी में सभी दुकानें खुली रही। सभी सब्जी व्यापारी बिठूर, चौबेपुर से आकर यहां दुकानदारी करते रहें। रोज की तरह आज भी लगी गुमटी, नवाबगंज, बर्रा, गोविन्द नगर, सीसामऊ, शिवाला बाजार, नयागंज व एक्सप्रेस रोड स्थित थोक बाजारों में भी व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे और रोजना की तरह सुरक्षित माहौल में दुकानदार दिखे।

प्रशासन व पुलिस की तैयारियों को दिखा असर

जनपद में दुकानदारों को भय मुक्त होकर दुकानें खुलने के पीछे जिला व पुलिस प्रशासन की तैयारियों की चौकसी को भी झुठलाया नहीं जा सकता। देर रात से ही पुलिस प्रशासन ने सड़कों सहित हाइवे के सभी रास्तों पर निगरानी बनाए रखी। मंगलवार सुबह होते ही सपाईयों व कांग्रेसी सहित बंदी के समर्थन करने वाले अन्य संगठनों के पदाधिकारियों को नजरबंद कर लिया गया। इसका असर सुरक्षित माहौल में दुकानदारों व व्यापारियों ने बंदी से दूर बनाते हुए दिखाई।

रिपोर्ट: अवनीश कुमार

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