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नोएडा: नियमों को ताक पर रख अधिकारियों ने बांटा 100 करोड़, दर्ज होगी FIR

चार गांवों की जांच की जा रही है। जिसमें अकेले गेझा तिलपताबाद के 15 प्रकरणों में करीब 100 करोड़ 16 लाख 81 हजार रुपए अतरिक्त मुआवजा देकर प्राधिकरण को बड़े राजस्व का नुकसान पहुंचाया। इन सभी मामलों को सुचिबद्ध किया जा चुका है।

Ashiki
Published on: 22 Feb 2021 2:28 PM GMT
नोएडा: नियमों को ताक पर रख अधिकारियों ने बांटा 100 करोड़, दर्ज होगी FIR
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नोएडा: नियमों को ताक पर रख अधिकारियों ने बांटा 100 करोड़, दर्ज होगी FIR

नोएडा: प्राधिकरण में किसानों को मुआवजा वितरण करने में बड़ी अनिमितता या घोटाला सामने आया है, जिसमें विभिन्न प्रकरणों में साठ-गांठ करके समझौते के आधार पर अधिकृत अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए की अतरिक्त राशि का भुगतान मुआवजे के लिए रूप में किया गया। चार गांवों की जांच की जा रही है। जिसमें अकेले गेझा तिलपताबाद के 15 प्रकरणों में करीब 100 करोड़ 16 लाख 81 हजार रुपए अतरिक्त मुआवजा देकर प्राधिकरण को बड़े राजस्व का नुकसान पहुंचाया। इन सभी मामलों को सुचिबद्ध किया जा चुका है।

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जांच के लिए गठित की गयी कमेटी

मुख्य कार्यपालक अधिकारी के आदेश पर एक समिति गठित की गई। यह समिति घोटाले की जांच कर रही है। इसी तरह के प्रकरण में उच्च न्यायालय ने प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी को निर्देश दिए कि वह दोषी अधिकारियों की जांच कर उनके के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए। प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक घोटाले की यह नींव 2015 में रखी गई। 2015 व 2016 की अलग-अलग तरीखों में किसानों को अतरिक्त मुआवजा दिया गया। जिसके वह हकदाई नहीं थे।

दरअसल, उच्च न्यायालय में दायर वाद में सुनवाई के दौरान दो अलग-अलग मामलों जिसमे 15 अक्टूबर 2020 और दूसरा 15 दिसंबर 2020 को आए आदेश में स्पष्ट कहा कि प्राधिकरण अधिकृत अधिकारियों ने साठगांठ व गलत उद्देश्य से किसानों को अतरिक्त मुआवजा दिया है। जिसमे बड़ी अनिमितता बरती गई। आदेश में यह भी स्पष्ट है कि यह मामला हजार, लाखों का नहीं बल्कि करोड़ों का है। ऐसे में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच कर प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।

सूत्रों ने बताया कि इन्हीं आदेश के बाद प्राधिकरण गेझा तिलपताबाद गांव के 2015 मुआवजा की फाइलों को खंगालने का काम किया। जिसमे गेझा तिलपताबाद के 15 प्रकरणों में करीब 100 करोड़ 16 लाख 81 हजार 334 रुपए के घोटाले की बात सामने आई। इस मामले में प्राधिकरण को यह भी मालूम चला कि मुआवजा वितरण में दलालों के माध्यम से साठ-गांठ कर अधिकृत अधिकारियों ने घोटाले को अमलीजामा पहनाया गया।

यहा से बढ़ा जांच का दायरा

जिन 15 प्रकरणों को सूचिबद्ध किया गया। उसमे पहले दो प्रकरण भुल्लड़ व फुन्दन जिनको क्रमश 5 नवंबर 2०15 को नौ करोड़ 17 लाख 12 हजार 426 रुपए और 7 जनवरी 2016 को 7 करोड़ 26 लाख 80 हजार 427 अतरिक्त प्रतिकर (मुआवजा) दिया गया। जिसके बाद सीईओ ने जांच के आदेश दिए इस जांच प्रकरण में 13 और प्रकरण सामने आए। इन सभी को मिला दिया जाए तो यह रकम 100 करोड़ से ज्यादा की बनती है।

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प्रकरण के लिए ककई जांच अधिकारी नियुक्त

सूत्रों ने बताया कि अतरक्ति मुआवजा बांटने का खेल कहीं ज्यादा बड़ा है। 15 प्रकरण उनकी एक कड़ी है। जांच के दायरे में 4 गांव है। इसमे कौन से अधिकृत अधिकारी शामिल है उनकी जांच भी की जा रही है। उनका नाम उजागर हो सकेगा।

रिपोर्ट: दीपांकर जैन

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