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बाइक बोट घोटाला: यूपी में ताबड़तोड़ छापेमारी, कंपनी की 178 बाइकें बरामद

बाइक बोट घोटाला मामले में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मेरठ के अलावा गाजियाबाद, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर में एक साथ छापा मारा है। इस दौरान बाइक बोट कंपनी की 178 बाइकें बरामद की गईं जो निवेशकों से छिपाकर रखी गई थीं।

Shivani Awasthi
Published on: 8 Jun 2020 11:48 PM IST
बाइक बोट घोटाला: यूपी में ताबड़तोड़ छापेमारी, कंपनी की 178 बाइकें बरामद
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मेरठ। बाइक बोट घोटाला मामले में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मेरठ के अलावा गाजियाबाद, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर में एक साथ छापा मारा है। इस दौरान बाइक बोट कंपनी की 178 बाइकें बरामद की गईं जो निवेशकों से छिपाकर रखी गई थीं।

इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की टीम ने बड़ी कार्रवाई

ईओडब्लू मेरठ सेक्टर के अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. रामसुरेश यादव ने बताया कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लि० के संचालक संजय भाटी आदि 19 व्यक्तियों द्वारा कंपनी रजिस्टर्ड कराकर बाईकबोट स्कीम में अलग-अलग जनपदों में फ्रेन्चाइजी बनाकर जनता के बीच प्रचार-प्रसार कर कंपनी लोगों से एक बाइक की कीमत 62 हजार 200 रुपये का निवेश कराकर कमाई का लालच देती थी।

बड़े घोटाले की साजिश

प्लान था कि एक व्यक्ति बाइक की कीमत अदा करे। इसके बदले उसे हर महीने 9765 रुपये रिफंड मिलेंगे। कंपनी के संचालकों द्वारा शेयरधारकों ने व्यक्तियों व फ्रैन्चाइजी फर्मो से प्राप्त धनराशि को नियमानुसार बाईकबोट में न लगाकर उस पैसों को अवैध प्रोपर्टी अर्जित करने में उपयोग किया गया। बाद में फिर करोड़ों की धनराशि को वादे के अनुसार वापस न कर फरार हो गए।

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नोएडा में दर्ज हैं मामले में 57 मुकदमें

डॉ. रामसुरेश यादव के अनुसार वह नोएडा में दर्ज 57 मुकदमों की जांच कर रहे हैं। जांच में पता चला कि अभियुक्तों ने कुछ बाइक छिपाकर रखी हैं। सोमवार दोपहर करीब दो बजे पांच टीमों ने पांच जिलों में छापे मारे। मुजफ्फरनगर में मंडी थाना क्षेत्र के भोपा बस स्टैंड स्थित शिल्पी राज के गोदाम से 50 बाइक बरामद हुईं। गाजियाबाद के मुरादनगर में ईदगाह के पास इंटर कॉलेज से इरफान की निशानदेही पर 25 बाइक मिलीं। सिहानी गेट थाना क्षेत्र में ग्राम सिहानी से कुलदीप त्यागी ने 47 बाइक बरामद कराईं।

कंपनी की 178 बाइकें बरामद

हापुड़ में कोतवाली देहात क्षेत्र में राजेश रानी ने पड़ोस में किराए पर लिए गोदाम से 25 बाइक बरामद कराईं। मेरठ में गंगानगर स्थित जीपी-31 मकान से 21 बाइक मिली हैं। विकास लाम्बा के पास इस कंपनी की फ्रेंचाइजी थी। बागपत में बड़ौत थाना क्षेत्र के लुहारी गांव से कपिल कुमार की निशानदेही पर 13 बाइक बरामद हुई हैं। सभी बाइक गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स से संबंधित हैं।

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बरामद सभी गाड़ियां बजाज कंपनी की

ईओडब्लू एएसपी डॉ. रामसुरेश यादव के अनुसार बरामद हुई सभी गाड़ियां बजाज कंपनी द्वारा निर्मित हैं। कंपनी से ही बाइक बोट का स्टीकर व लोगो लगकर आया था। इसमें कुछ गाड़ियां ऐसी हैं जो कंपनी के एजेंट इस्तेमाल कर रहे थे। कुछ बाइकें एकदम नई खड़ी हुई थीं। घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद एजेंटों ने ये बाइक चलानी बंद कर दीं।

62 हजार 200 रुपये का निवेश कराकर कमाई का लालच

कंपनी लोगों से एक बाइक की कीमत 62 हजार 200 रुपये का निवेश कराकर कमाई का लालच देती थी। प्लान था कि एक व्यक्ति बाइक की कीमत अदा करे। इसके बदले उसे हर महीने 9765 रुपये रिफंड मिलेंगे। कंपनी के संचालकों द्वारा शेयरधारकों ने व्यक्तियों व फ्रैन्चाइजी फर्मो से प्राप्त धनराशि को नियमानुसार बाईकबोट में न लगाकर उस पैसों को अवैध प्रोपर्टी अर्जित करने में उपयोग किया गया। बाद में फिर करोड़ों की धनराशि को वादे के अनुसार वापस न कर फरार हो गए।

सुशील कुमार,मेरठ।

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