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मुलायम की अनसुनी कहानी: ऐसा हुनर किसी राजनेता में नहीं, संबंध निभाने में थे आगे

मुलायम सिंह यादव ने अपना पूरा जीवन विचारधारा की राजनीति को समर्पित कर दिया लेकिन रविवार को जब वह अपना 81वां जन्मदिन मना रहे हैं

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Published on: 22 Nov 2020 7:56 AM GMT
मुलायम की अनसुनी कहानी: ऐसा हुनर किसी राजनेता में नहीं, संबंध निभाने में थे आगे
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मुलायम की अनसुनी कहानी: ऐसा हुनर किसी राजनेता में नहीं, संबंध निभाने में थे आगे Photo By Ashutosh Tripathi (newstrack.com)  

लखनऊ: आलोचक को भी अपना बनाने का हुनर, सार्वजनिक जीवन में भी संबंधों को प्राथमिकता पर रखने वाले वरिष्ठ राजनेता मुलायम सिंह यादव को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। भाजपा के एक वरिष्ठ राजनेता के इस बधाई संदेश से समाजवादी पार्टी के संस्थापक, संरक्षक मुलायम सिंह यादव के व्यक्तित्व की झलक मिलती है और इसका आभास भी मिलता है कि किस तरह वह भारत की राजनीति में जीवंत किंवदंती बन चुके हैं।

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मुलायम सिंह यादव ने अपना पूरा जीवन विचारधारा की राजनीति को समर्पित कर दिया लेकिन रविवार को जब वह अपना 81वां जन्मदिन मना रहे हैं तो संबंध निर्वाह में हमेशा अव्वल रहने के अद्भुत हुनर के दम पर उन्होंने समर्थक व प्रशंसकों का ऐसा बड़ा वर्ग तैयार कर डाला है जो विरोधी विचारधारा के बावजूद सभी दायरे तोड़कर निजी तौर पर उनका मुरीद बन चुका है।

lko-sp lko-sp Photo By Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

मुलायम सिंह के बारे में एक और बात बेहद मशहूर है कि जो भी उनके करीब पहुंचा, उसके सुख-दुख में मुलायम हमेशा साथ खड़े नजर आए। उनसे जुड़े ऐसे कई लोग हैं जिनके घर आज भी होली-दीपावली पर मुलायम सिंह की ओर से परिवार के सदस्यों के लिए नए कपड़े और मिठाई उसी तरह पहुंचती है जैसे कोई अभिभावक अपने परिवार के सदस्यों के लिए खरीद करता है।

अमर सिंह और आजम खान को नहीं जाने दिया दूर

मुलायम सिंह यादव की इस विशेषता का बड़ा उदाहरण सार्वजनिक जीवन में अमर सिंह और आजम खान के साथ उनके संबंधों के तौर पर भी देखा जाता है। अमर सिंह और आजम खान की आपसी तनातनी से समाजवादी पार्टी को खासा नुकसान हुआ। एक वक्त ऐसा भी आया कि अमर सिंह के कारण आजम खान ने पार्टी छोड़ दी।

lko-sp lko-sp Photo By Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

अलग राजनीति का ऐलान कर दिया लेकिन मुलायम सिंह ने आजम खान पर कभी नकारात्मक टिप्पणी नहीं की। कुछ सालों के बाद आजम खान वापस उनके पास लौट आए। इस दौरान अमर सिंह ने मुलायम का साथ छोड़ दिया। उन्होंने अपने स्वभाव के अनुसार कई कटु बातें भी कहीं लेकिन मुलायम ने अमर सिंह को हमेशा अपना छोटा भाई बताया। मुलायम की सदाशयता का परिणाम यह रहा कि बाद में अमर सिंह भी अपने को मुलायमवादी कहने लगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुलायम का करते हैं सम्मान

मुलायम सिंह यादव ने राजनीतिक विचारधारा के विरोध के बावजूद राजनीति में संबंधों को बनाए रखने पर हमेशा जोर दिया। यही वजह है कि आज भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी उन्हें अहमियत देता है। मुलायम सिंह यादव के न्यौते पर वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी विशेष विमान से सैफई पहुंचे थे। उनके अस्वस्थ होने पर भी प्रधानमंत्री ने फोन कर हाल-चाल लिया था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले कई साल से हर बार उनके जन्मदिन पर शुभकामना देने के लिए उनके घर पहुंचते रहे हैं। ऐसे में भाजपा के के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक का उपरोक्त बधाई संदेश भी सटीक ही प्रतीत होता है। मुलायम सिंह यादव के जीवन की सार्थकता भी यही है कि उन्होंने अपने धुर विरोधियों को भी अपना प्रशंसक बनने पर मजबूर कर दिया है।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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