TRENDING TAGS :
घोसी से भाजपा प्रत्याशी विजय राजभर ने जीत का परचम लहराया
घोसी के विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाए जाने के बाद रिक्त हुए घोसी विधानसभा की सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने युवा चेहरा विजय राजभर को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। विजय राजभर के प्रत्याशी बनने से ही भाजपा के बड़े-बड़े नेता सकते में आ गये।
बलिया: मऊ जिले के घोसी विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा के युवा नेता विजय राजभर ने समाजवादी पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व विधायक एवं जमीनी नेता सुधाकर सिंह को 1758 वोटों से पराजित कर जीत का परचम लहराया।
फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाए जाने के बाद रिक्त हुई थी सीट
घोसी के विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाए जाने के बाद रिक्त हुए घोसी विधानसभा की सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने युवा चेहरा विजय राजभर को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। विजय राजभर के प्रत्याशी बनने से ही भाजपा के बड़े-बड़े नेता सकते में आ गये। विजय राजभर को अंतिम समय में प्रत्याशी घोषित करने के बाद भारतीय जनता पार्टी घोसी में कमल खिलाने के मुहिम में जुड़ गई।
ये भी देखें : वृंदावन: यूपी की राज्यपाल ने चन्द्रोदय मंदिर में किये दर्शन, कही ये बड़ी बात
समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी पूर्व विधायक सुधाकर सिंह को बनाया लेकिन सिंबल को लेकर कागज पत्र में तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण उनका सिंबल खारिज कर दिया गया एवं उन्हें निर्दल प्रत्याशी ही मैदान में उतरना पड़ा।अलबत्ता उन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त हुआ। उधर घोसी में भारतीय जनता पार्टी के प्रादेशिक स्तर के नेताओं सहित राष्ट्रीय नेतृत्व विजय राजभर को चुनाव जिताने के लिए दिन रात एक कर दिया।
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सहित प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देवसिंह विजय राजभर को चुनाव जिताने के लिए लगे रहे। इसके अलावा भाजपा के स्थानीय नेता सहित स्थानीय सांसद मंत्री भी एवं पूर्व विधायक पूर्व सांसद भी चुनाव जिताने के लिए लगे रहे।
ये भी देखें : अमेठी पहुंची प्रियंका, भाई की हार के बाद अमेठी में नई जान फूंकने की तैयारी
सुधाकर सिंह अपने जीत को लेकर जहां पूरी तरह आश्वस्त थे
विजय राजभर आज गुरुवार को मतगणना दौरान बढ़त बनाए रहे । लोग दिन भर घोसी में कौन जीता कौन हारा इसको लेकर एक दूसरे से पूछते रहे। ऐसे में विजय राजभर को बढ़त बनी तो जरूर थी लेकिन पार्टी के लोगों को चिंता सता रही थी कि परिणाम क्या होगा। सुधाकर सिंह अपने जीत को लेकर जहां पूरी तरह आश्वस्त थे वहीं भाजपा के लोग भी अपनी जीत को को लेकर जद्दोजहद में थे।