भाजपा ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप मे मनाया

भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते है। उन्होंने आगे कहा कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से सहायता लेने का प्रयास किया था तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें खत्म करने का आदेश दिया था।

SK Gautam
Published on: 23 Jan 2021 11:19 AM GMT
भाजपा ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप मे मनाया
X
भाजपा ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप मे मनाया

जौनपुर। भारतीय जनता पार्टी ने सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती को जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह के नेतृत्व में पराक्रम दिवस के रूप में मनाते हुए उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि नेताजी भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी नेताओ में से एक थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था उनके द्वारा दिया गया "जय हिंद" का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है कि "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूँगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया।

ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को दिया आदेश

भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते है। उन्होंने आगे कहा कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से सहायता लेने का प्रयास किया था तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें खत्म करने का आदेश दिया था, नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इंफाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया।

netaji jayanti celibrate-3

भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त कराया

जिला उपाध्यक्ष अमित श्रीवास्तव ने आगे कहा कि 21 अक्टूबर 1943 को सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपींस, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड सहित 11 देशो की सरकारों ने मान्यता दी थी। 1944 को आज़ाद हिंद फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया था।

ये भी देखें: Noida News: सीएम ने किया इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण, हुआ शुभारंभ

रंगून रेडियो स्टेशन से प्रसारण

6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं, उन्होंने आगे कहा कि नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष चन्द्र बोस जी की मौत 1945 में नहीं हुई। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से सम्बन्धित दस्तावेज अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किये।

netaji jayanti celibrate-2

नेताजी की 125वीं जयंती पर पराक्रम दिवस के रूप में

मोदी सरकार ने 23 जनवरी 2021 को नेताजी की 125वीं जयंती पर पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उक्त अवसर पर जिला मंत्री राजू दादा, भूपेन्द्र पाण्डेय, आमोद सिंह, विनीत शुक्ला, रोहन सिंह, विपिन द्विवेदी, इन्द्रसेन सिंह, प्रमोद प्रजापति, जितेन्द्र मिश्र, नरेन्द्र विश्वकर्मा, शैलेस सिंह, शुभम मौर्या आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

ये भी देखें: आत्मनिर्भर भारत बनाने में यूपी का बड़ा योगदानः सीएम योगी

रिपोर्ट, कपिल देव मौर्य, जौनपुर

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story