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स्वाती सिंह का बड़ा कारनामा: योगी सरकार की हुई फजीहत, अधिकारी को बोला गुंडा

गत मंगलवार को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में सरोजनीनगर तहसील में जनसुनवाई कर रही थी। इस दौरान नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी को देखकर वह अचानक भड़क गयी। वह इस कदर नाराज हुई कि यह तक कह डाला कि यह तहसीलदार नहीं, ‘गुण्डा’ है।

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Published on: 7 Oct 2020 1:14 PM IST
स्वाती सिंह का बड़ा कारनामा: योगी सरकार की हुई फजीहत, अधिकारी को बोला गुंडा
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स्वाती सिंह का बड़ा कारनामा: योगी सरकार की हुई फजीहत, अधिकारी को बोला गुंडा (social media)

लखनऊ: योगी सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह नायब तहसीलदार गुंडा बताते हुए बेहद नाराज हो रही हैं। इस मामले के बाद इस बात की चर्चा जोरो पर है कि हर बार विवादों में रहने के बाद भी उनके खिलाफ कोई एक्षन क्यों नहीं लिया जाता है। यहां तक कि इसके पहले भी जब उनका एक आडियो वायरल हुआ था तो कोई एक्षन की बजाए उनका मंत्रिमंडल में प्रमोशन किया गया था।

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स्वाति सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में सरोजनीनगर तहसील में जनसुनवाई कर रही थी

गत मंगलवार को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में सरोजनीनगर तहसील में जनसुनवाई कर रही थी। इस दौरान नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी को देखकर वह अचानक भड़क गयी। वह इस कदर नाराज हुई कि यह तक कह डाला कि यह तहसीलदार नहीं, ‘गुण्डा’ है। स्वाती सिंह ने वहां पर मौजूद एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी से नायब तहसीलदार को तत्काल हटाने की बात कही। इस दौरान उपस्थिति लोग सन्नाटे में आ गए। स्वाती सिंहके इस कदर गुस्से का किसी ने वीडियो बना लिया जो खूब वायरल हो रहा है। अब स्वाति सिंह इस पर अपनी सफाई दे रही हैं।

राज्यमंत्री स्वाति सिंह का विवादों में आना कोई नई बात नहीं है

दरअसल, राज्यमंत्री स्वाति सिंह का विवादों में आना कोई नई बात नहीं है। वह योगी सरकार में कई बार विवादों में आकर अपनी ही सरकार की किरकिरी करा चुकी हैं। वह पहली बार चर्चा में तब आईं जब प्रदेश में योगी आदित्नाथ की सरकार के गठन को दो ही महीने हुए थे और मई 2017 में गोमती नगर में एक बियर शाप के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंच गयीं।

उद्घाटन कार्यक्रम की फोटोज जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुई

उस उद्घाटन कार्यक्रम की फोटोज जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सरकार को इस पर सफाई देनी पड़ी। इसके दो साल पहले भी चर्चा में आ चुकी है जब उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम के दौरान कन्याओं को 500-500 रूपए के नोट खुलेआम बांटे। यह मामला भी मीडिया की सुर्खिया बना। इस पर स्वाति सिंह ने सफाई भी दी पर तब तक वह आरोपों से पूरी तरह घिर चुकी थीं।

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स्वाति सिंह के संरक्षण में ही मंदिर पर कब्जा किया गया

सरोजनीनगर क्षेत्र में ही अपने घर के पास बने एक मंदिर पर कब्जे को लेकर स्वाति सिंह के भाईयों पर आरोप लगे जिसमें कहा गया कि स्वाति सिंह के संरक्षण में ही मंदिर पर कब्जा किया गया। इस मामले में क्षेत्र के लोगों ने अपना विरोध भी जताया पर यह मामला सुर्खियो में नहीं आ सका। अब इस नए वीडियो के आने के बाद राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह एक बार फिर से विवादों में हैं।

स्वाति सिंह का राजनीति में आना संयोगवश हुआ

दरअसल स्वाति सिंह का राजनीति में आना संयोगवश हुआ। वह एक साधारण गृहणी थीं और उनके पति दयाशंकर सिंह ही छात्र राजनीति से लेकर भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष जैसे पदों पर रहे। पर जब 2016 में दयाशंकर सिंह ने बसपा नेत्री मायावती पर एक अनुचित टिप्पणी की। तो बसपा के नेताओं ने दयाशंकर सिंह के परिजनों पर भी अपमानजनक बाते कह डाली जिस पर उनकी पत्नी स्वाति सिंह को खुलकर सामने आना पड़ा।

उन्हें खूब हाइलाइट किया और वह सुर्खियों में आ गयीं

उस दौरान मीडिया ने उन्हें खूब हाइलाइट किया और वह सुर्खियों में आ गयीं। भाजपा को भी बैठे बिठाए एक तेज तर्रार महिला नेत्री मिल गयी। उन्हे महिला मोर्चा में की जिम्मेदारी दे दी गयी। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में स्वाति सिंह लखनऊ की सरोजनी नगर सीट जीतकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहीं। ये पहला मौका था जब सरोजनी नगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के किसी उम्मीदवार को जीत मिली हो।

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स्वाति सिंह को इस कामयाबी के चलते ही योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में जगह दी गयी और एक नहीं कई विभागों का राज्यमंत्री बना दिया गया। इसके बाद पिछले साल जब मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ तो उन्हे राज्यमंत्री से प्रमोट कर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बना दिया गया।

श्रीधर अग्निहोत्री

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