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भाजपा में कटेगें एक तिहाई विधायकों के टिकट !
यूपी में भले ही विधानसभा चुनाव होने में अभी डेढ़ साल का वक्त बाकी हो पर भाजपा संगठन ने इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी में भले ही विधानसभा चुनाव होने में अभी डेढ़ साल का वक्त बाकी हो पर भाजपा संगठन ने इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी है। कोरोना काल में भी प्रदेश नेतृत्व जिलास्तर पर कार्यकर्ताओं से फीड बैक लेने के बहाने उसने अप्रत्यक्ष तौर पर प्रत्याशियों के प्रारम्भिक चयन का काम भी शुरू कर दिया है। संभावना इस बात की है कि 403 विधायकों वाली विधानसभा में 100 से 150 विधायकों के टिकट काटे जाएगें।
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भाजपा का हर राज्य में रहता है ये फ़ॉर्मूला
दरअसल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जितने भी राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए हैं। केन्द्रीय नेतृत्व ने उन राज्यों में सिटिंग विधायकों के टिकट काटने में कोई संकोच नहीं किया है। भाजपा हाईकमान ने 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा के चुनाव में चार मंत्रियों समेत 43 विधायकों, हरियाणा की 90 सीटों वाली विधानसभा में दो मंत्रियों समेत 14 विधायकों, छत्तीसगढ़ की 90 सीटों वाली विधानसभा में एक मंत्री सहित 14 विधायकों तथा इस साल जनवरी में दिल्ली की 70 सीटों वाली विधानसभा में 26 बडे नेताओं के टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार चुकी है।
इसके अलावा महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का यही फार्मूला रहा है। भाजपा के उच्च पदाधिकारी ने 'आफ द रिकार्ड' इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर अगले विधानसभा चुनाव में टिकट काटने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और नए कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा।
यूपी की सीटें बेहद महत्वपूर्ण है भाजपा के लिए
अब भारतीय जनता पार्टी को 403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से निबटना है। जो भाजपा हाईकमान के लिए बेहद महत्वपूर्ण राज्य है। देश के सबसे बडे राज्य होने के कारण केन्द्रीय नेतृत्व लगातार इस प्रदेश को महत्व देता रहा है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक सीटे पाकर उत्तर प्रदेश से ही विशुद्ध तौर पर सरकार गठन में मदद मिल चुकी है। इसी राज्य से उसे सबसे ज्यादा राजनीतिक ताकत मिलती है। इसलिए इस प्रदेश को लेकर संगठन सदैव गंभीर रहता है।
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यहां पर पिछले एक साल से जिस तरह से पार्टी विधायकों की अनुशासनहीनता सामने आ रही है। उसे देखकर इस बात के कयास लगने अभी से शुरू हो गए हैं। इस समय भाजपा के पास 304 विधायक हैं। लेकिन कुछ विधायक लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों को हवा देने में आमादा हैं। इन विधायकों ने प्रदेश हाईकमान के आंख दिखाने के बाद भी अनुशासन हीनता बरतने में बिल्कुल भी नरमी नहीं बरती है। पार्टी के कई विधायक लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार और संगठन को कटघरे में खड़ा करने का काम करते आ रहे हैं। ऐसे विधायकों की कार्यशैली पर लगातार सवाल भी उठते रहे हैं। यही कारण हैं कि अब प्रदेश नेतृत्व ऐसे विधायकों की सूची बनाने के काम मे जुट गया है और मौका आने पर इस पर अमल करेगा।
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