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शिकोहाबाद के भाजपा विधायक डॉ. मुकेश वर्माः शल्य चिकित्सक से आए राजनीति में
दलबदल के सवाल पर वह कहते हैं कि राजनीति गंदी है, कुछ नेता मज़बूरी में दल बदलते है। राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र होना चाहिए अपनी बात रखने की आजादी होनी चाहिए।
ब्रजेश राठौर
फ़िरोज़ाबाद शिकोहाबाद क्षेत्र से भाजपा विधायक डॉ मुकेश वर्मा सीधे साधे सौम्य व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। श्री वर्मा ने चिकित्सा के क्षेत्र से राजनीति में प्रवेश लिया है। राजनीति में आने से पहले शल्य चिकित्सक थे। पत्नी भी सरकारी चिकित्सक हैं। पहला चुनाव बसपा के टिकट पर लड़े थे जिसमें वह हार गए थे दूसरा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़कर विजयी हुए हैं।
महंगाई की मार सब पर
भाजपा विधायक डॉ मुकेश वर्मा का कहना है कि महंगाई के इस युग मे हर चीज महँगी हो रही है। तो चुनाव भी महंगे हो रहे हैं। सरकार महंगाई पर रोकने का प्रयास कर रही है।
डॉ मुकेश वर्मा कहते हैं कि चुनाव में निष्पक्षता के लिए इसे जातिवाद, सम्प्रदायवाद से अलग रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा खर्चे कम होने चाहिए अंधाधुंध खर्चा गलत है।
विधायक कहते हैं कि जनता की उपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश में सुबह से शाम जन सेवा में लगे रहते हैं। हालांकि जनता हमारे क्षेत्र की वहुत अच्छी है, हमे पूर्ण सहयोग करती है।
खुशी के क्षण पर वह कहते हैं कि जीवन मे हर वह पल जो जनता में खुशहाली लाये बढ़िया। और वह क्षण भी आनंददायक है जब जनता के बीच कोई बड़ी घटना दुर्घटना न हो, जनता खुशहाल रहे।
राजनीति पहले परिवार बाद में
डॉ. मुकेश वर्मा कहते हैं कि उनके लिए राजनीति के बाद परिवार है। राजनीति स्वच्छ और निष्पक्ष होनी चाहिए झूठे वायदे नहीं होनी चाहिए। और राजनीति का अपराधी करण नहीं होना चाहिए।
दलबदल के सवाल पर वह कहते हैं कि राजनीति गंदी है, कुछ नेता मज़बूरी में दल बदलते है। राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र होना चाहिए अपनी बात रखने की आजादी होनी चाहिए।
वह कहते हैं कि विधायक के तौर जनता की सेवा करना सड़क, सुरक्षा, विजली, पानी, जनता को मुहैय्या कराना मुख्य काम है। जनता की समस्या के समाधान को हमेशा तत्पर रहते हैं। जनता की सेवा करना पहली प्राथमिकता है।
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मुकेश वर्मा कहते हैं विधायक निध से क्षेत्र की जनता के विकास कार्य होते हैं। नौकरशाही के सवाल पर कहते हैं अधिकारी ठीक काम कर रहे हैं, जनहित के कार्य भी कराते है। क्षेत्र में अधिकांश समस्याएं हल हो गई हैं। कुछ रह गई हैं वह भी हल हो जाएंगी।