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BJP सांसद का बड़ा कदम: सवारेंगे युवाओं का भविष्य, इस वजह से खोया अपना बेटा
भाजपा सांसद ने आंदोलन की राजनीति से अपना मुकाम बनाया है लेकिन अब तक हुए आंदोलनों की जमीन राजनीतिक ही रही है। उनकी पत्नी भी उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं लेकिन अब दोनों लोग सामाजिक जीवन में बदलाव के लिए समाज से जुड़े मुद्दों को लेकर आंदोलन शुरू करने की तैयारी में है।
अखिलेश तिवारी
लखनऊ: टूटा हूं झुक गया हूं घुटनों पर हूं तो क्या, जालिम तू देख हाथ का परचम झुका नहीं। मोहनलालगंज संसदीय सीट से भाजपा के सांसद कौशल किशोर ने कुछ इसी जिद के साथ अब नशे की गिरफ्त में जकड़े बेटों को बचाने की मुहिम शुरू की है। उनका कहना है कि भले ही मेरे जवान बेटे की जिंदगी शराब के नशे में ले ली है लेकिन मैं अब दूसरे परिवार के बेटों को नशे की वजह से जान गंवाने नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता हूं जिस तरह से मैं अपने जवान बेटे की मौत के बाद उसकी बहू और पोते को देखकर दर्द से तड़प उठता हूं ऐसा किसी दूसरे मां-बाप के साथ हो। इसलिए समाज में व्याप्त नशाखोरी के खिलाफ अभियान शुरू किया है।
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भाजपा सांसद ने आंदोलन की राजनीति से अपना मुकाम बनाया है
भाजपा सांसद ने आंदोलन की राजनीति से अपना मुकाम बनाया है लेकिन अब तक हुए आंदोलनों की जमीन राजनीतिक ही रही है। उनकी पत्नी भी उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं लेकिन अब दोनों लोग सामाजिक जीवन में बदलाव के लिए समाज से जुड़े मुद्दों को लेकर आंदोलन शुरू करने की तैयारी में है। भाजपा सांसद ने बताया कि 19 अक्टूबर को लिवर की खराबी से उनके 28 साल के बेटे आकाश की मौत हुई तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बेटे की मौत से ज्यादा दुख उन्हें अपने 2 साल के पौत्र और जवान बहू को देखकर होता है जब जब दोनों उनकी आंख के सामने आते हैं तो लगता है कि कलेजा बाहर निकल आएगा।
उनका बेटा शराब का लती हो गया था
उन्होंने बताया कि उनका बेटा शराब का लती हो गया था। बड़ी कोशिश की गई लेकिन उसे शराब के नशे से दूर करने में कामयाबी नहीं मिली। बेटे की मौत उनके लिए जिंदगी का बड़ा सबक दे गई अब उन्हें लगता है कि राजनीतिक बदलाव के साथ साथ सामाजिक जीवन में बदलाव लाना भी जरूरी है इसलिए उन्होंने एक देशव्यापी शराब विरोधी अभियान शुरू करने का संकल्प किया है। उन्होंने कहा कि शराब के नशे की गिरफ्त में पड़े युवकों को यह एहसास कराने की कोशिश करेंगे कि उनकी इस खराब आदत का खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। बेटे की मौत के बाद बूढ़े मां बाप का क्या हाल होता है। यह भी लोगों को याद दिलाएंगे।
1000 युवाओं की तैयार हो रही है फौज
शराब का नशा व अन्य नशीले पदार्थों के उपयोग के खिलाफ समाज को जागरूक करने का फैसला करने के बाद उन्होंने 1000 युवाओं की एक शुरुआती टीम तैयार की है। इस टीम के सदस्य गांव गांव जाकर लोगों को नशा मुक्त जीवन के लिए प्रेरित करेंगे और हमारा परिवार नशा मुक्त परिवार का स्टीकर हर घर के बाहर लगाएंगे। 3 दिसंबर को राजधानी लखनऊ के गांधी भवन में इन 1000 युवकों का शपथ ग्रहण कराया जाएगा।
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युवाओं को रोजगार से भी जोड़ेंगे
भाजपा सांसद कौशल किशोर का मानना है कि बेरोजगारी बढ़ने की वजह से ही युवाओं का शराब के नशे के प्रति आकर्षण बढ़ा है। जब युवाओं के पास कोई काम नहीं है तो वह शराब के नशे में पड़कर अपनी कमजोरियों को भुलाना चाहते हैं। नशा विरोधी अभियान में सहयोग करने वाले युवाओं को रोजगार से भी जोड़ा जाएगा जिससे सामाजिक जागरूकता के दायित्व का निर्वाह कर करने के साथ ही वह अपनी सामान्य जरूरतों को भी पूरा कर सकें।
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