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बनारस में बिजली कटौती से ‘ब्लैक आउट’ के हालात, छलकने लगा सब्र का पैमाना
विद्युत निगम के निजीकरण के खिलाफ धरने पर बैठे बिजली कर्मचारियों ने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ सभी प्रकार की आपूर्ति देने से साफ इनकार कर दिया है।
वाराणसी: बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के चलते पूर्वांचल के अधिकांश जिलों में ब्लैक आउट के हालात हैं। पिछले चौबीस घंटों से बिजली व्यवस्था ध्वस्त है। उमस भरी गर्मी में बेहाल लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। लिहाजा लोगों के सब्र का पैमाना छलकने लगा है। कुछ जिलों में नौबत मारपीट तक आ गई है। बिजली कटौती से खफा वाराणसी और गाजीपुर में जनता सड़कों पर उतर आई।
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धरना दे रहे पार्षद हुए गिरफ्तार
विद्युत निगम के निजीकरण के खिलाफ धरने पर बैठे बिजली कर्मचारियों ने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ सभी प्रकार की आपूर्ति देने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसेमें वाराणसी के कई इलाकों में सुबह 10 बजे से ही बिजली गुल रही। सुबह से ही बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण शहरके कई इलाकों में पानी की आपूर्ति भी ठप पड़ गई। इसके कारण लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
आदमपुर के प्रहलादघाट, काशी स्टेशन रोड, नया महादेव सहित लगभग एक दर्जन मुहल्लों मे सोमवार की सुबह से बिजली गुल है। लिहाजा मंगलवार को लोगों के सब्र का पैमाना छलक उठा। प्रहलाद घाट पर स्थानीय पार्षद की अगुवाई पर लोग धरने पर बैठ गए। गुस्साए लोगों ने यूपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पार्षद सहित धरना दे रहे कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया।
varanasi-protest (social media)
डीएम का दावा-कंट्रोल में है हालात
विद्युत कर्मियों के कार्य बहिष्कार का आज दूसरा दिन है। पूरे जनपद में जगह-जगह लाइट के काटने की खबर आ रही है। इसी बीच देर रात से ही जिला प्रशासन बिजलीव्यवस्था सुचारू करने में मुस्तैद है। इसी क्रम में मंगलवार को भिखारीपुर साथ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के ऑफिस पहुंचे जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कहा कि इस कार्य बहिष्कार का जनपद पर कोई मेजर इम्पैक्ट नहीं पड़ा है।
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जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा नेबताया कि विद्युत कर्मचारियों ने स्ट्राइक का एग्ज़ैक्ट नाम नहीं लिया है लेकिन कार्य बहिष्कार इसको बोला जा रहा है। इसे लेकर प्रशासन की तैयारियां की गयी थीलेकिन जो कॉन्ट्रेक्चुअल एम्प्लाई थे उनमें भी कई लोग एप्सेंट रहे, जिसकी वजह से हमें भी थोड़ी दिक्कत महसूस हुई लेकिन अब काफी कोशिश कर ली गयी हैं और काफी जो कंट्रक्चुअलएम्पलाई हैं और जो प्राइवेट एम्प्लाई हैं उनको लेकर व्यवस्था चलाई जा रही है।
आशुतोष सिंह
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