×

सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर जल्द बनेंगे स्तनपान कार्नर

विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान ही प्रदेश की ऐसी माताओं के लिए खुशखबरी है। अब जल्द ही प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर स्तनपान कार्नर बनाए जाएंगे।

Aditya Mishra
Published on: 4 Aug 2019 9:37 PM IST
सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर जल्द बनेंगे स्तनपान कार्नर
X

लखनऊ: विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान ही प्रदेश की ऐसी माताओं के लिए खुशखबरी है। अब जल्द ही प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर स्तनपान कार्नर बनाए जाएंगे।

इसके लिए सभी विभागों को अपने कार्यालयों में इस तरह के स्थान चिन्हित करने को कहा गया है, जहां यह स्तनपान कार्नर बनाये जा सकें।

ये भी पढ़ें...राष्ट्रीय मूल्यों के अभाव वाला साहित्य समाज को पतन की ओर ले जाता है: सीएम योगी

स्थलों को चिन्हित करने में विभागों की ली जाये मदद

महाप्रबंधक, बाल स्वास्थ्य डॉक्टर, वेद प्रकाश ने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर अब स्तनपान कार्नर बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि सभी विभागों की मदद से पहले इन स्थलों को चिन्हित किया जाए। फिर इसको स्तनपान कार्नर के रूप में विकसित किया जाए।

डा. वेदप्रकाश ने कहा कि शिशु दुग्ध अनुकल्प, पोषण बोतल और शिशु खाद्य अधिनियम- 2003 के तहत शिशुओं के लिए स्तनपान उनका मौलिक अधिकार है। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर पांच हजार रुपये जुर्माना और दो साल जेल भेजने का भी प्रावधान है।

उन्होंने बताया कि ईएमएस अधिनियम- 2003 के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है ताकि इसके प्रावधानों के बारे में जागरूकता बढ़े और प्रदेश में स्तनपान को हर प्रकार से बढ़ावा मिले।

उन्होंने कहा कि शिशु को केवल तभी ऊपरी दूध दिया जा सकता है जबकि मां की मृत्यु हो गयी हो, मां एचईवी पाजिटिव हो या शिशु को गोद लिया गया हों।

ये भी पढ़ें...DRDO ने हवा में मार करने वाली क्विक मिसाइल का किया सफल परीक्षण

डिब्बा बंद अन्न पदार्थ के विज्ञापन पर रोक

उन्होंने बताया कि दो साल से कम आयु के बच्चों को तैयार किये गए डिब्बा बंद अन्न पदार्थ का विज्ञापन या प्रोत्साहन देने पर रोक है। किसी भी प्रसार माध्यम से मां के दूध का पर्याय समझाकर डिब्बाबंद पाउडर का प्रचार वर्जित है।

प्रसव पूर्व देखभाल और शिशु आहार के सम्बन्ध में शैक्षणिक सामग्री विज्ञापन के लिए दिशानिर्देश जारी हैं। मां और स्वास्थ्य सेवक की भेंट, वस्तु या अन्न पदार्थ के मुफ्त नमूने देने को वर्जित किया गया है।

शैक्षणिक साहित्य और बाल आहार के डिब्बे को सैंपल या डोनेशन के रूप में देने पर पाबंदी है। बाल आहार के डिब्बों पर बच्चों या मां के चित्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story