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DRDO ने हवा में मार करने वाली क्विक मिसाइल का किया सफल परीक्षण
भारत ने ओडिशा के परीक्षण केंद्र से एक परिष्कृत मिसाइल का रविवार को परीक्षण किया। ‘सतह से हवा में मार करने में सक्षम त्वरित प्रक्रिया मिसाइल’ (क्यूआरएसएएम) को प्रत्येक मौसम तथा प्रत्येक इलाके में इस्तेमाल हो सकने के लिहाज से तैयार किया गया है।
बालासोर: भारत ने ओडिशा के परीक्षण केंद्र से एक परिष्कृत मिसाइल का रविवार को परीक्षण किया। ‘सतह से हवा में मार करने में सक्षम त्वरित प्रक्रिया मिसाइल’ (क्यूआरएसएएम) को प्रत्येक मौसम तथा प्रत्येक इलाके में इस्तेमाल हो सकने के लिहाज से तैयार किया गया है।
इस अत्याधुनिक मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय सेना के लिए विकसित किया है। जानकारी के मुताबिक, कम दूरी तक मार करने वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 30 किमी है। यह जमीन से हवा में भी मार करने में सक्षम है।
इससे पहले 16 फरवरी, 2016 व चार जून, 2017 को इसका सफल परीक्षण किए जाने की जानकारी डीआरडीओ की तरफ से दी गई है।
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ये है मिसाइल की खासियतें
डीआरडीओ ने इस मिसाइल को भारत इलेक्ट्रनिक्स लिमिटेड की मदद से सेना वाहिनी के लिए विकसित किया है। यह दुश्मन के टैंक, युद्ध विमान व एयरक्राफ्ट को आसानी से मार गिराने में सक्षम है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद वहां उपस्थित वैज्ञानिकों ने खुशी जाहिर की है।
उल्लेखनीय है कि भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे भारी तनाव के बीच भारतीय सेना क्यूआरएसएएम मिसाइल का इससे पहले लगातार दो बार सफल परीक्षण कर अपनी ताकत का इजहार किया कर चुकी है।
सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी निर्मित क्यूआरएसएएम कम दूरी की मिसाइल का ओडिशा के चांदीपुर समुद्री तट परीक्षण रेंज से आज पुन: सफल परीक्षण किया गया है।
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एक साध कई लक्ष्य पर निशाना साधने की क्षमता
इस मिसाइल में एक साथ कई लक्ष्य पर निशाना साधने की क्षमता है। यह मिसाइल 30 किमी की दूरी तक प्रहार करने की क्षमता रखती है तथा इसे त्वरित प्रतिक्रिया वाली मिसाइल के रूप में तैयार किया गया है।
इस मिसाइल में हर मौसम में काम करने वाली सशस्त्र प्रणाली है। लक्ष्य को पहचानने व उस पर निशाना लगाने की ताकत है। एलसी-3 परीक्षण रेंज से एक ट्रक पर लगे केमिस्टर के लंचर से इस मिसाइल का दो घंटे के अन्तराल में दो बार परीक्षण किया गया।
परीक्षण के समय डीआरडीओ के अधिकारी रहे मौजूद
इस मिसाइल में लगी सभी प्राद्यौगिकियां और उपप्रणालियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और मिशन के सभी जरूरतों को पूरा किया है। सभी रडारों, इलेक्ट्रो अप्टिकल प्रणाली, टेलीमेट्री प्रणाली और अन्य स्टेशनों से मिसाइल पर निगरानी रखी गई।
आज इस मिसाइल के परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आईटीआर) के वरिष्ठ अधिकारी व वैज्ञानिक दल मौके पर मौजूद थे।
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