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UP News: मायावती को कांग्रेस में शामिल होने का मिला न्योता, इस नेता ने दिया ऑफर
UP News: सपा और कांग्रेस के बीच तकरार इतनी बढ़ गई कि इंडिया अलायंस पर खतरे का बादल मंडराने लगा। इन सबके बीच मायावती को कांग्रेस में शामिल होन का न्योता मिला है।
UP News: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश में भारी सियासी उठापटक चल रही है। पीएम मोदी को 2024 में रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बने इंडिया गठबंधन की कलई अगले माह होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में ही खुल गई। जहां इस अलायंस के घटक दल एक-दूसरे के खिलाफ कैंडिडेट उतार चुके हैं। सपा और कांग्रेस के बीच तकरार इतनी बढ़ गई कि इंडिया अलायंस पर खतरे का बादल मंडराने लगा। इन सबके बीच बीएसपी सुप्रीमो मायावती को कांग्रेस में शामिल होन का न्योता मिला है।
विपक्षी गठबंधन के नेता अभी तक मायावती से इंडिया अलायंस में शामिल होने की अपील कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तो एक कदम आगे बढ़कर उन्हें कांग्रेस में ही शामिल होने का न्योता दे डाला। अपने बयानों को लेकर अक्सर खबरों में रहने वाले कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस एक समंदर है। यहां जो आए हम उनका स्वागत करते हैं। हम तो मायावतीजी से भी निवेदन करना चाहेंगे कि वो भी कांग्रेस में आ जाएं, देश को बचाएं। मगर आना या ना आना उनका फैसला है।
सपा-बसपा गठबंधन की भी कर चुके हैं भविष्यवाणी
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम मीडिया में अक्सर हेडलाइन बनते रहे हैं। 1 जुलाई को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का जन्मदिन था। इस मौके पर बसपा मुखिया मायावती ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी थी। पूर्व सीएम ने लिखा था, अखिलेश यादव को आज उनके जन्मदिन पर उन्हें व उनके परिवार वालों को हार्दिक बधाई तथा उनकी अच्छी सेहत के साथ लंबी उम्र की शुभकामनाएं। कृष्णम ने मायावती के इस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा था, "संभावनायें “बरकरार” हैं." उनका ये ट्वीट उस समय भी काफी वायरल हुआ था।
बयानों से कांग्रेस को ही असहज कर चुके हैं कृष्णम
2019 में लखनऊ से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम कई बार अपने बयानों से खुद की पार्टी को असहज कर चुके हैं। उन्होंने कई मौकों पर पार्टी लाइन से अलग हटकर बोला है। इसलिए कभी – कभी उनके कांग्रेस में होने पर भी सवाल उठते रहे हैं। पिछले दिनों बिहार में जाति सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुर्सी छोड़ने की मांग कर डाली थी। जबकि बिहार में कांग्रेस उस सत्तारूढ़ महागठबंधन का हिस्सा है, जिसमें जदयू, राजद और वामपंथी पार्टियां शामिल हैं।
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