BSP Meeting: निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर मायावती ने की समीक्षा, 75 जिलों के जिलाध्यक्ष हुए शामिल

BSP Meeting: बैठक में निकाय चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन किया गया। साथ ही निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन पर विचार विमर्श किया गया।

Jugul Kishor
Published on: 2 April 2023 2:04 PM GMT (Updated on: 2 April 2023 2:35 PM GMT)
BSP Meeting: निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर मायावती ने की समीक्षा, 75 जिलों के जिलाध्यक्ष हुए शामिल
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मायावती (सोशल मीडिया)

BSP Meeting: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने आज रविवार को पार्टी केे नेताओं के साथ बैठक की है। इस बैठक में बसपा के सभी प्रदेश पदाधिकारी और 75 जिलों के जिलाध्यक्ष शामिल हुए हैं। बैठक में निकाय चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन किया गया। साथ ही निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन पर विचार विमर्श किया गया। चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की तैयारियों की भी गहन समीक्षा की गई। पार्टी पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों से चर्चा के बाद मायावती ने पदाधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।

मायावती ने बैठक में पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निकाय चुनाव में उम्मीदवारों के चयन काफी सोच समझकर किया जाए। मायावती ने उन्ही लोगों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया और कहा जो निजी स्वार्थ लाभ में डूबे रहने के बजाय अपने लोगों के हित व कल्याण तथा क्षेत्र के विकास में रुचि रखते हो ताकि उनके जीतने का लाभ स्थानीय लोगों को आगे मिल सके। मायावती ने बसपा पदाधिकारियों से कहा कि निकाय चुनावों में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग तथा विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि घिनौने हथकंडो से खुद को बचने के साथ-साथ लोगों को भी इससे बचाने जैसी परिपक्वत्ता के साथ चुनाव जीतने के लिए मुस्तैदी जरुरी है।

मायावती ने कहा कि सर्वाधिक त्रस्त करती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल कानून व्यवस्था तथा इससे उत्पन्न अराजकता आदि की विकट समस्याओं से निपटने को सरकार द्वारा उचित महत्व नहीं दिया जाना चिंताजनक है। इससे देशहित प्रभावित है। अत: इस पर वोट व धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर देश व संविधान हित में कार्य हों तो बेहतर है। इस सरकार में शहर सुविधाहीन व दुर्दशा किंतु घोषणाओं व बयानबाजी स्मार्ट सिटी कहला रहे हैं। तथा मंहगाई गरीबी, बेरोजगारी आदि के कारण गांवों की हालात खराब हैं। इस सरकार में सब कुझ ठेका पर अस्थाई कर दिए जाने से इस ठेका प्रथा के कारण स्थाई नौकरी अब लोगों के लिए दूर का सपना। देश व जनहित के विरुद्ध हालात अति दुखद व चिंताजनक हैं। इसलिए बदलाव जरुरी है।

Jugul Kishor

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