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यूनिवर्सिटी का फैसला: इन कोर्सेज की फीस में कटौती, छात्रों को मिली रहत

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा शुल्क वृद्धि को लेकर छात्रों में असंतोष और वर्तमान में कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए शुल्क समीक्षा समिति...

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Published on: 9 July 2020 4:46 PM GMT
यूनिवर्सिटी का फैसला: इन कोर्सेज की फीस में कटौती, छात्रों को मिली रहत
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झांसी: बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा शुल्क वृद्धि को लेकर छात्रों में असंतोष और वर्तमान में कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए शुल्क समीक्षा समिति बनाई गई थी। आज इसकी बैठक में निर्णय लिया गया कि बुन्देलखण्ड विस्वविद्यालय के स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत जिन पाठयक्रमों के शुल्क में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गयी है, उन पाठयक्रमों में अधिकतम शुल्क वृद्धि अब पचास प्रतिशत से कम रहेगी।

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इन पाठ्यक्रमों का शुल्क किया कम

शुल्क समीक्षा समिति ने ऐसे सात पाठ्यक्रमों को चिन्हित किया है। ये पाठ्यक्रम हैं- बीएएलएलबी, एलएलबी, एमएस-सी, जियोलॉजी, बी. एस-सी.जियोलॉजी, बी.बी.ए. (पर्यटन), एम.ए. (हिन्दी) और बी.ए.(ऑनर्स) अर्थशास्त्र। अन्य पाठ्यक्रमों में की गयी शुल्क वृद्धि मान्य रहेगी।

पिछले कई वर्षों से किसी भी पाठ्यक्रम में शुल्कवृद्धि नहीं हुई

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को किसी भी प्रकार का वित्तीय अनुदान प्राप्त नहीं है। यह विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा दिये शुल्क तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के परीक्षा शुल्क पर ही वित्तीय रूप से निर्भर है। पिछले कई वर्षों से किसी भी पाठ्यक्रम में कोई भी शुल्कवृद्धि नहीं की गई। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में चल रहे पाठ्यक्रमों में किसी भी प्रकार की शुल्क बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। जबकि इस बीच शासन द्वारा सभी प्रकार के मुल्यांकन और प्रश्नपत्र निर्माण की नई दरें लागू की गई हैं।

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2020-21 में नवप्रवेशित विद्यार्थियों से बढ़ा हुआ शुल्क लिया जाएगा

वर्तमान में सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार विश्वविद्यालय में कार्यरत स्थायी शिक्षकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है तथा सभी को वेतन के एरियर का भुगतान भी किया गया है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय में चल रहे स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों कर्मचारियों की भी अभी हाल ही में 8 प्रतिशत से 14 प्रतिशत तक की वेतन वृद्धि की गई है।

अतः इस वर्ष के प्रारम्भ में विभागाध्यक्षों/ पाठ्यक्रम समन्वयकों एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों की बैठक में आवश्यकतानुसार वृद्धि किये जाने के सम्बन्ध में संस्तुति की गई तथा वित्त समिति एवं कार्य परिषद् का अनुमोदन प्राप्त किये जाने के उपरान्त यह निर्णय लिया गया कि सत्र 2020-21 में विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों में नवप्रवेशित विद्यार्थियों से बड़ा हुआ शुल्क लिया जाये।

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द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम सेमेस्टर, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्रों का शुल्क पूर्व की भांति ही रहेगा। आज हुई शुल्क समीक्षा समिति ने बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में स्ववित्त चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों के शुल्क में हुई आंशिक वृद्धि के सम्बन्ध में यह निर्णय लिया है कि जिन पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है उसे 50 प्रतिशत से कम पर लाया जाये।

रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा

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