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BU में ऑनलाइन शिक्षण एवं ई-कंटेंट डेवेलपमेंट पर कार्यशाला का आयोजन

वर्तमान कोविड -19 के परिदृष्य में शिक्षण प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन माध्यम ही सर्वश्रेष्ठ जरिया है। यह विचार बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति...

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Published on: 16 July 2020 3:27 AM GMT
BU में ऑनलाइन शिक्षण एवं ई-कंटेंट डेवेलपमेंट पर कार्यशाला का आयोजन
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झांसी: वर्तमान कोविड -19 के परिदृष्य में शिक्षण प्रशिक्षण हेतु ऑनलाइन माध्यम ही सर्वश्रेष्ठ जरिया है। यह विचार बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे. वी. वैषम्पायन ने व्यक्त किए। कुलपति प्रो. वैषम्पायन बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में आईक्यूएसी द्वारा ई कंटेंट डेवेलपमेंट एवं ऑनलाइन लार्निंग विषयक कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।

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शिक्षकों को ई-कंटेंट के निर्माण हेतु किया जाएगा प्रेरित

कुलपति ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से विश्वविद्यालय के शिक्षकों को ई कंटेंट के निर्माण हेतु प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार विभिन्न कार्यशाला भविष्य में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए आईक्यूएसी द्वारा आयोजित की जाएगी। कुलपति ने बताया कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जहां पर लॉकडाउन के तुरन्त बाद मार्च से ही अधिकांश शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम से पाठ्यक्रम पूर्ण करवाया गया।

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उन्होंने कहा कि हमारा विचार है कि विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय हमारे ही अंग हैं। अतः महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए भी इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय यूट्यूब पर चैनल बनाकर भी पाठ्य सामग्री विद्यार्थियों तक पहुंचाने का काम करेगा।

आज आयोजित इस कार्यशाला में डॉ. रामवीर सिंह ने एक पॉवर प्वांइट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जूम के प्रयोग तथा अन्य ऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन के एप के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

समस्याओं एवं योजनाओं पर विचार किया गया

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में आईक्यूएसी की समन्वयक डॉ यशोधरा शर्मा ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में ऑनलाइन पठन-पाठन एवं ई कंटेंट निर्माण में आने वाले समस्याओं एवं योजनाओं पर विचार किया गया। उन्होंने बताया कि इच्छुक शिक्षकों को आईक्यूएसी द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। ई कंटेंट निर्माण में तकनीकी सहायता के लिए डॉ दीपक तोमर एवं इंजी. साबिर अली को नामित किया गया। इस अवसर पर डॉ अनु सिंघला, आर्कि. संदीप मिश्र, डॉ. भानुमति सिंह, डॉ मुहम्मद नईम, डॉ. श्वेता पाण्डेय, डॉ. उमेश कुमार, इंजी. राहुल शुक्ला सहित विश्वविद्यालय के 20 शिक्षक उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा

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