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चीन के खिलाफ देश में आक्रोश, लोगों ने फोन से हटाया चाइनीज ऐप
लोगों ने चीन को चुनौती देते हुए चाइनीज कंपनियों के एप डिलीट करना शुरू कर दिया है। रिमूव चाइना एप गुगल प्ले स्टोर से डाउन लोड कर आसानी से इसे अंजाम दे रहे हैं।
नोएडा: कोरोना काल में भले ही अनलॉक वन आ गया हो, लेकिन अभी भी लॉकडाउन माना जा सकता है। तमाम कंपनियां अपने कर्मचारियों से घर से ही काम लेने में जुटी है। ऑफिस की मीटिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, असाइनमेंट पूरा करने, ऑनलाइन क्लास जैसे तमाम काम हो रहे हैं। इसमें चीनी एप काफी मदद कर रहे थे, लेकिन सीमा पर भारत चीन तनाव बढ़ा। जिस प्रकार से भारतीय सैनिकों की हत्या चीनी सैनिकों की ओर से की गई। उसका आक्रोश मोबाइल यूजर्स पर आसानी से देखा जा सकता है।
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लोगों ने चीन को चुनौती देते हुए चाइनीज कंपनियों के एप डिलीट करना शुरू कर दिया है। रिमूव चाइना एप गुगल प्ले स्टोर से डाउन लोड कर आसानी से इसे अंजाम दे रहे हैं। एक ही झटके में जूम, टिक टॉक, कैम स्कैनर, हैलो, लाइकी जैसे एप को मोबाइल से बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। इसके विकल्प में जो देशी एप मौजूद है, उन्हें डाउन लोड कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय के मकसद को मिला बल
लोगाें के इस कार्य ने गृह मंत्रालय के उस मकसद को भी बल मिलेगा। जिसके लिए हाल ही में चीनी कंपनियों के एप को न इस्तेमाल करने की गाइड लाइन जारी की थी। स्प्ष्ट कहा था कि चीनी एप जूम सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है। इसमें प्राइवेसी की दिक्कतें हैं और साइबर अटैक का खतरा बढ़ सकता है, इन्फॉर्मेशन लीक होने की संभावनाएं प्रबल है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने भी इसे लेकर लोगों को आगाह किया था।
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इन दिग्गजों ने कही ये बात
''शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने एनइए कार्यालय पर आया था। आक्रोश इतना अधिक था कि मौेके पर रिमूव चाइना एप प्ले स्टोर से डाउन लोड कर सारे चीनी एप को मोबाइल से बाहर कर दिया।''
-राकेश कोहली, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन
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''सभी सदस्यों और अपने साथियों से अपील की जा रही है कि वह चीनी एप को मोबाइल से बाहर करें, अपील का तत्काल असर दिख रहा है। हालांकि यह जरुरी एप थे, लेकिन अब भारतीय एप विकसित कर डाउन लोड हो रहे है।''
-राजेश कुमार जैन, पूर्व उपाध्यक्ष, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्रॉफ्ट
रिपोर्ट: दीपांकर जैन
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