TRENDING TAGS :
नोएडा: फाइलों की वित्तीय ऑडिट करेगी CAG, प्राधिकरण में हड़कंप
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण में डेरा जमाने की तैयारी कर ली है। इस बार वित्तीय अडिट का दायरा 2017 से लेकर वर्तमान में चल रही फाइलों का होगा।
नोएडा: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण में डेरा जमा की तैयारी कर ली है। इस बार वित्तीय अडिट का दायरा 2017 से लेकर वर्तमान में चल रही फाइलों का होगा। इसको लेकर टीम ने विभिन्न विभागों (आवासीय, ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक, संस्थागत, व्यवसायिक व सिविल) से संपंर्क साध लिया है। फाइलों का आने-जाने की प्रक्रिया फिर से शुरू होने जा रही है। जाहिर है वित्तीय जांच के दौरान यदि कहीं भी गड़बड़ी मिलती है तो अधिकारियों व कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।
ये भी पढ़ें: कानपुर देहात: DM ने की विकास कार्यों की समीक्षा बैठक, दिये सख्त निर्देश
10 साल पुरानी फाइलों की जांच शुरू की गई
सत्ता परिवर्तन के बाद प्राधिकरण की छवि को सुधारने व यहा हुई वित्तीय अनिमितताओं की जांच सीएजी ने की थी। पहले चरण में 10 साल पुरानी फाइलों की जांच शुरू की गई। इसके बाद प्राधिकरण गठन से लेकर बाद तक की फाइलों की जांच शुरू की गई। इस दौरान सीएजी ने 400 पेज की एक रिपोर्ट तैयार की। यह वहीं रिपोर्ट थी जिसे शासन को भेजा गया। 33 हजार करोड़ रुपए के घोटाले की बात कहीं।
घोटालों को उजागर करने वाले व शिकायत करने वालों का मानना है कि यह घोटाला इससे कहीं ज्यादा का था। उनका दावा था लीज रेंट को घटाकर एक प्रतिशत करने के मामले में ही कई हजार करोड़ रुपए का नुकसान प्राधिकरण को हुआ था। सीएजी ने अपनी 400 पन्नों की रिपोर्ट में ग्रुप हाउसिग, वाणिज्यिक, एफएआर, भू-आवंटन व विकासीय परियोजनाओं में बरती गई अनिमितता की रिपोर्ट सौंपी थी। बहराल अब 2०17 व बाद की फाइलों की वित्तीय जांच शुरू होने जा रही है।
प्राधिकरण पहुंचेगी सीएजी की टीम
फाइलों की वित्तीय जांच के लिए सीएजी की टीम नोएडा प्राधिकरण पहुंचेगी। यही रूककर वह फाइलों का अडिट करेगी। सभी विभागों को इसके बारे में अवगत भी करा दिया गया है।
ये भी पढ़ें: IPS ऑफिसर अपर्णा कुमार: चमोली में कर रहीं रेस्क्यू ऑपरेशन, यूपी से है ये रिश्ता
प्राधिकरण में फिर हड़कंप
400 पेज की रिपोर्ट और 30 हजार करोड़ की अनिमितता के बाद प्राधिकरण में कई पूर्व अधिकारियों कर्मचारियों से अब तक पूछताछ की जा रही है। ऐसे में 2017 से लेकर अब तक किए गए कार्यो का वित्तीय अडिट की जानकारी मिलने के बाद प्राधिकरण में हड़कंप का महौल है।
रिपोर्ट: दीपांकर जैन