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अमेठी में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के घर पर CBI का छापा, परिवार वालों से कड़ी पूछताछ
रेप केस में सलाखों के पीछे चल रहे सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अमेठी स्थित आवास पर सीबीआई की टीम ने आज छापेमारी की। सूत्रों की माने तो टीम ने गायत्री के परिवार के सदस्यों से पूछताछ किया और अहम दस्तावेज जुटाए हैं।
अमेठी: रेप केस में सलाखों के पीछे चल रहे सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अमेठी स्थित आवास पर सीबीआई की टीम ने आज छापेमारी की। सूत्रों की माने तो टीम ने गायत्री के परिवार के सदस्यों से पूछताछ किया और अहम दस्तावेज जुटाए हैं।
बुधवार सुबह अमेठी कोतवाली के आवास विकास कालोनी स्थित पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के घर पर जिस वक्त कुछ लक्जरी गाड़ियां आकर रुकी तो आसपास के लोग चौकन्ने हो गए। थोड़े समय बाद सिविल ड्रेस में कुछ व्यक्ति गाड़ियों से उतरे और गायत्री के घर को घेर लिया। सूत्रों की माने तो टीम के सदस्य सीधे गायत्री के घर में घुसे और परिजनो से एक एक कर पूछताछ शुरू किया। सूत्रों के अनुसार सीबीआई के हाथों खनन से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। हालांकि आधिकारिक रुप से इस छापेमारी की पुष्टि नहीं की गई है।
जाने क्या है पूरा मामला
हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई खनन घोटाले की जांच कर रही है। हाईकोर्ट ने दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर 28 जुलाई 2016 को अवैध खनन की जांच के आदेश दिए थे। जांच में सीबीआई को वर्ष 2012-16 के दौरान हमीरपुर जिले में व्यापक पैमाने पर अवैध खनन किए जाने के साक्ष्य मिले, जिससे बड़े पैमाने पर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंची। यह खनन घोटाला समाजवादी पार्टी की सरकार में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुआ था। खनन मामले में इलाहाबाद कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए 21 लीज गैरकानूनी तरीके से दी गई थी। इसमें से 14 लीज अखिलेश ने पास की थी और शेष फाइल गायत्री प्रजापति ने की थी।
सपा सरकार में खनन विभाग को लेकर खासी उथल पुथल रही। अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री बने तो शुरू में उन्होंने खनन विभाग अपने पास ही रखा था। वह 2012-13 में खनन मंत्री रहे। गायत्री प्रजापति की जैसे जैसे मुलायम से नजदीकी बढ़ने लगी वैसे वैसे ही उनका कद भी बढ़ने लगा। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि गायत्री ने अमेठी जैसी प्रतिष्ठा पूर्ण व चर्चित विधानसभा सीट सपा की झोली में डाली थी।
बहरहाल गायत्री प्रजापति 2013 में मंत्रिमंडल विस्तार में पहली बार राज्य मंत्री बने और उन्हें कृषि विभाग मिला। बाद उन्हें खनन विभाग मिला लेकिन कैबिनेट मंत्री के तौर अखिलेश ने इसे अपने पास रखा। कुछ समय उनका प्रोन्नत कर स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया तो यह विभाग पूरी तरह उनके हवाले हो गया और बाद में जनवरी 2014 में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए तो खनन विभाग में उनकी तूती बोलने लगी। जब सीबीआई की जांच वापस लिए जाने की यूपी सरकार की दलील हो हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया तो उसके बाद अखिलेश ने 12 सितंबर 2016 को गायत्री प्रजापति को अवैध खनन व भ्रष्टाचार के मामले मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया लेकिन कुछ ही दिन बाद गायत्री प्रजापति फिर खनन मंत्री बना दिए गए।
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