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रानी लक्ष्मीबाई को झांसी वालों ने किया याद, चित्र प्रदर्शिनी की रूप में मनाई जयंती
ललित कला संस्थान बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के तत्वावधान में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की 185 वीं जयंती के अवसर पर संस्थान में दीपोत्सव एवं रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
झाँसी: ललित कला संस्थान बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के तत्वावधान में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की 185 वीं जयंती के अवसर पर संस्थान में दीपोत्सव एवं रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के लगभग 100 से अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित रानी झाँसी तथा उनके जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शित किए गए, जिनमें रानी के जीवन शौर्य, वीरता, कर्मठता के साथ-साथ उनकी झलक को विभिन्न रूपों में प्रस्तुत किया गया।
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इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ के नवनियुक्त सदस्य एवं झाँसी के वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय चित्रकार किशन सोनी ने कहा कि हमें गर्व है कि हम झाँसी वाली रानी के शहर में पैदा हुए और झाँसी में कला की साधना कर रानी के जीवन को विभिन्न रूपों में उकेरने का सौभाग्य मिला तथा झांसी की रानी के जीवन यापन को कला के साथ आत्मसात किया।
रानी लक्ष्मीबाई द्वारा किये गए कार्य सभी के लिए प्रेरणादायी
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी के अधिष्ठाता छात्र-कल्याण प्रो. देवेश निगम ने रानी झाँसी के व्यक्तित्व पर सार गर्भित व्यख्यान से उपस्थित छात्रों से कहा की रानी द्वारा किये गए कार्य सभी देशवासियों के लिए प्रेरणादायीं हैं। प्रो॰ निगम ने कहा कि हर्ष का विषय है कि विगत कुछ वर्षों से महारानी का जन्मदिन उनकी कर्मस्थली झाँसी में ढोंढम से मनाया जा रहा है। उन्होने आशा व्यक्त की कि अगले वर्ष महारानी का जन्मदिन न केवल झाँसी बल्कि पूरे भारत में एक उत्सव की तरह मानता जाएगा।
रानी के जीवन को जनमानस तक पहुंचा रहे हैं...
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि ललित कला संस्थान के विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्क्ष कला प्रो. सीबी सिंह ने झाँसी की रानी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए छात्रों से रानी के प्रेरणादायीं पद चिंन्हो पर चलकर अपनी प्रतिभा को निखारने का आव्हान किया तथा संस्थान के छात्रों द्वारा बनाए गए चित्रों की प्रशंसा करते हुए कहा कि छात्र छात्राएं विश्व विद्यालय का नाम गौरवान्वित कर रहें हैं इन चित्रों को झांसी के विभिन्न कला प्रेमियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए। विशिष्ट अतिथि एवं लब्धप्रतिष्ठित चित्रकार कामिनी बघेल ने झाँसी की रानी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह बड़े सौभाग्य है कि हम झांसी में रहकर कला द्वारा रानी के जीवन को जनमानस तक पहुंचा रहे हैं ।
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इस अवसर पर पुरातत्ववेत्ता डॉ वसीम खान ने झाँसी रानी के जीवन कार्यों को विस्तार पूर्वक समझाते हुए उनके वंशजों एवं उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कला शिक्षक मुईनअख्तर ने भी रानी झाँसी पर अपने विचार व्यक्त किए। ,संस्थान की पूर्व समन्यवक डॉ. श्वेता पांडेय द्वारा उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने विचारों से अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बृजेश परिहार एवं आभार प्रदर्शन संस्थान की समन्वयक डॉ. सुनीता द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ अजय कुमार गुप्ता ,कमलेश कुमार,शिवम कुमार, काजल ओझा, सिद्धार्थ,मेराज फातिमा, नंदनी, गजेंद्र ,प्रतीक्षा, संजू मिश्रा, ललित, सहित अन्य छात्र उपस्थित रहे।
बीयू में लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण
महारानी लक्ष्मीबाई का बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक मील का पत्थर है तथा आज भी सभी देशवाशियों के लिए प्रेरणाप्रद है। यह विचार आज बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो वी के सहगल ने व्यक्त किए।
प्रो सहगल आज बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर स्थित महारानी लक्ष्मी बाई पार्क में झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुये उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा की हमें महारानी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए तथा सदैव अपनी मातृभूमि की से प्रेम करते हुए उसकी रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए।
इस अवसर पर आज तो प्रो॰अपर्णा राज, मुखी कुलानुशासक प्रो आर॰के॰सैनी, प्रो. अर्चना वर्मा, डॉ. डीके भट्ट, डॉ ऋषि कुमार सक्सेना, डॉ सौरभ श्रीवास्तव, डॉ पुनीत बिसारिया, डॉ रश्मि सिंह, डॉ॰श्वेता पांडे, डॉ॰ धीरेन्द्र सिंह यादव, परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव, सहायक कुलसचिव संतोष कुमार सिंह, अनिल बौहरे, सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी शिक्षकों तथा कर्मचारियों के द्वारा महारानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
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रिपोर्ट: बीके कुशवाहा