TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

फंस गया ये डिप्टी सीएमओः लगाया था घोटाले का आरोप, हो सकती है कार्रवाई

केंद्रीय औषधि भंडार में आई डी बनाकर 4 करोड़ रुपये के घपला के मामले में शिकायत करने वाले उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर ही कार्रवाई की तलवार लटक गई है।

Roshni Khan
Published on: 16 Jun 2020 10:54 AM IST
फंस गया ये डिप्टी सीएमओः लगाया था घोटाले का आरोप, हो सकती है कार्रवाई
X

बलिया: केंद्रीय औषधि भंडार में आई डी बनाकर 4 करोड़ रुपये के घपला के मामले में शिकायत करने वाले उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर ही कार्रवाई की तलवार लटक गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस मामले में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर गलत शिकायत करने का आरोप लगाते हुए, उनके विरुद्ध अनुशासनिक व विधिक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

ये भी पढ़ें:अभी-अभी अस्पताल में भर्ती हुए स्वास्थ्य मंत्री, कोरोना के लक्ष्ण दिखे, मचा हड़कंप

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी के मिश्र ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , सीयर के अधीक्षक डॉ जी.पी.चौधरी को गत 15 जून को नोटिस जारी कर उन पर घोर अनुशासनहीनता बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि उन्होंने फर्जी आई डी पर केंद्रीय औषधि भंडार से चार करोड़ रुपये के घपला का गलत आरोप लगाया है । उन्होंने अपने पत्र में जानकारी दी है कि केंद्रीय औषधि भंडार में प्रभार हस्तांतरण करने के साथ ही पासवर्ड बदल दिया जाता है, हालांकि आई डी पुराना ही रहता है। उन्होंने फर्जी आई डी बनाने के आरोप को असत्य , निराधार व भ्रामक करार देते हुए जानकारी दी है कि डॉ राजनाथ का पासवर्ड उनकी आई डी एवं पासवर्ड से बनाया गया था । इस पत्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनके द्वारा विभाग के निलंबित वरिष्ठ लिपिक मुन्ना बाबु के कार्यकाल में सी एम एस डी से की गई खरीददारी की जांच चल रही है।

यह खरीददारी डॉ चौधरी द्वारा ही किया गया है। खरीददारी में त्रुटि हुई होगी, इसलिए जांच की दिशा मोड़ने के लिए भ्रामक शिकायत किया गया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि चार्ज ग्रहण करने की तिथि 10 अगस्त 2019 से शिकायत करने की तिथि 28 मई 2020 तक यदि आईडी पर कार्यादेश जारी हुआ है। तो फिर प्रत्येक ऑर्डर जनरेशन के पश्चात उनके मोबाइल पर ओ टी पी आता रहा होगा तो तत्समय ही उनके द्वारा इसका संज्ञान क्यों नहीं लिया गया तथा इसकी जानकारी उन्हें क्यों नही दी गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि उनके इस कृत्य से विभाग की छवि धूमिल हुई है । पत्र में यह भी जानकारी दी गई है कि वह बगैर किसी अनुमति के गत 28 मई से मुख्यालय से अनुपस्थित हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा है तथा स्पष्टीकरण प्राप्त न होने की दशा में अनुशासनिक व विधिक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

उल्लेखनीय है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन केंद्रीय औषधी भंडार में फर्जी आईडी बनाकर जीएम पोर्टल पर चार करोड़ रुपए का इंडेट कर घोटाला करने की शिकायत उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी पी चौधरी ने पिछले दिनों किया था । उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीपी चौधरी ने गत 28 मई 2020 को स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के उच्च अधिकारियों को प्रेषित किये गए अपने पत्र में घोटाले का सिलसिलेवार उल्लेख किया था तथा जानकारी दी थी कि वह केंद्रीय औषधि भंडार बलिया एवं पीसीपी एनडीटी बलिया में कार्यरत रहा। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया के आदेश के क्रम में गत 10 अगस्त 2019 को उसके द्वारा अपना समस्त प्रभार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजनाथ को दे दिया गया। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया ने प्रति हस्ताक्षरित करते हुए उसे कार्यमुक्त भी कर दिया ।

ये भी पढ़ें:मानवाधिकार आयोग में पाक की नापाक हरकत, भारत ने दिया करारा जवाब

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने पत्र में यह भी जानकारी दी है कि डा.राजनाथ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी केंद्रीय औषधी भंडार , बलिया एवं पीसीपी एनडीटी के प्रभारी अधिकारी के रूप में पारस नाथ राम स्टोर कीपर, केंद्रीय औषधि भंडार बलिया के साथ कार्य करने लगे। उन्होंने शिकायत की है कि इन लोगों ने विभाग को धोखा देने की नियत से और उसे फंसाने की साजिश के तहत फर्जी तरीके से कूटरचित आईडी बनाया तथा इन लोगों द्वारा करीब चार करोड़ रुपए का जीएम पोर्टल पर ऑर्डर कर दिया गया। उन्होंने दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के साथ आवश्यक विभागीय कार्रवाई का अनुरोध किया गया ।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story