×

Meerut News: नवरात्र पर मंदिरों में दिखा आस्‍था और श्रद्धा का सैलाब, 521 कुंडीय जनचेतना महायज्ञ का आयोजन

Meerut News: औघड़नाथ मंदिर परिसर स्थित मां दुर्गामंदिर, जागृति विहार स्थित मनसा देवी मंदिर, कंठी माता मंदिर, डोगरा मंदिर कैंट,गोल मंदिर शास्त्रीनगर आदि शहर के प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही भक्तों ने पहुंचना शुरु कर दिया था। माता का पूजन करने के लिए मंदिर के बाहर तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही।

Sushil Kumar
Published on: 22 March 2023 9:24 PM IST
Meerut News: नवरात्र पर मंदिरों में दिखा आस्‍था और श्रद्धा का सैलाब, 521 कुंडीय जनचेतना महायज्ञ का आयोजन
X
File Photo of devotees (Pic : Social Media)

Meerut News: चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन बुधवार को मेरठ के मंदिरों में सुबह से ही जय माता दी के जयकारों के साथ श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा है। यहां के मंदिरों में आस्‍था और श्रद्धा का सैलाब नजर आया। हालांकि लोगों ने घर पर घट स्‍थापना करके माता रानी का पूजन किया। आज हर ओर नवरात्र का उल्‍लास है। औघड़नाथ मंदिर परिसर स्थित मां दुर्गामंदिर, जागृति विहार स्थित मनसा देवी मंदिर, कंठी माता मंदिर, डोगरा मंदिर कैंट,गोल मंदिर शास्त्रीनगर आदि शहर के प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही भक्तों ने पहुंचना शुरु कर दिया था। माता का पूजन करने के लिए मंदिर के बाहर तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही।

मंदिर में मेले जैसा माहौल रहा। वहीं नवरात्र के चलते बाजारों में किराना की दुकानों पर व्रत के सामान की खरीदारी के लिए ग्राहकों देखने को मिल रही है। जिससे बाजारों में चहल-पहल का आलम है। शहर के जिमखाना मैदान में गुरुकुल प्रभात आश्रम टीकरी के तत्वावधान में 521 कुंडीय जनचेतना महायज्ञ का आयोजन किया गया। जनचेतना महायज्ञ में वैदिक मंत्रों के साथ शुद्ध गोघृत व औषधियों से आहुति प्रदान की गई। कार्यक्रम के प्रभारी अशोक सुधाकर ने बताया कि महायज्ञ में विश्व हिंदू परिषद, पंजाबी आर्य भ्रातृ सभा, हिंदू जागरण मंच, भारत स्वाभिमान संगठन, शांति कुंज, आदि के अलावा विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

कार्यक्रम आयोजको के अनुसार पिछले 26 वर्षों से गुरुकुल प्रभात आश्रम टीकरी के कुलाधिपति स्वामी विवेकानंद सरस्वती के ब्रह्मत्व में आयोजित यह कार्यक्रम जन सामान्य को वैदिक संस्कृति व भारतीय नववर्ष के स्वागत में जागरूक कर रहा है। इस आयोजन से जहां यजमानों को मानसिक व आध्यात्मिक उत्थान का अवसर प्राप्त होगा, वहीं वायुमंडल व पर्यावरण की शुद्धि भी होगी। यह आयोजन वैदिक नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2080 नव संवत्सर के अवसर पर प्रतिवर्ष आयोजित होता है।

Sushil Kumar

Sushil Kumar

Next Story