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रामनवमी: अवध की भूमि पर रामलला ने लिया अवतार, झूम उठी अयोध्या

जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य महाराज ने बताया कि श्री राम नवमी के दिन अयोध्या में आकर पवित्र सरयू नदी में स्नान करने और श्री राम लला के प्राकट्य उत्सव में शामिल होकर उस का दर्शन करने मात्र से जन्म जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं और भगवान श्री राम लला की विशेष कृपा उस व्यक्ति को प्राप्त होती है।

Shivakant Shukla
Published on: 13 April 2019 2:19 PM GMT
रामनवमी: अवध की भूमि पर रामलला ने लिया अवतार, झूम उठी अयोध्या
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अयोध्या: चैत्र रामनवमी के पावन तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन जन्मस्थली अयोध्या में रामनवमी पर्व की धूम रही। घड़ी में जैसे ही 12:00 बजे वैसे ही घंटा घड़ियालों की मंगल ध्वनि के बीच अयोध्या के प्रसिद्ध कनक भवन मंदिर परिसर में भगवान राम लला का प्राकट्य उत्सव मनाया गया। आलम यह था कि पूरे मंदिर परिसर में पांव रखने की जगह नहीं थी और श्रद्धालुओं से भरे मंदिर परिसर में धक्का-मुक्की के बीच राम भक्तों ने दर्शन किया।

अवध की भूमि पर रामलला ने लिया अवतार झूम उठी अयोध्या

इससे पूर्व चैत्र रामनवमी के पावन तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त सही राम नगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा रही और पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ राम भक्तों ने पवित्र सरयू नदी में स्नान कर पुण्य अर्जन किया और उसके बाद अयोध्या के मंदिरों में दर्शन और पूजन किया। चैत्र राम नवमी पर्व के मौके पर अयोध्या की हर सड़क हर गली श्रद्धालुओं से भरी नजर आई।

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चैत्र रामनवमी के पर्व पर देश भर से लाखों श्रद्धालु आज अयोध्या पहुंचे हैं और पवित्र सरयू नदी में स्नान कर पुण्य कमा रहे हैं। आज के इस खास दिन अयोध्या के करीब 6000 मंदिरों में भगवान राम लला का प्राकट्य उत्सव मनाया जा रहा है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि आखिरकार चैत्र रामनवमी पर अयोध्या में सरयू स्नान का महत्व क्या है और इसकी कथा क्या है।

तीर्थराज प्रयाग से भी पवित्र है ये स्थान

पौराणिक मान्यता के अनुसार शास्त्रों में उल्लिखित है कि जिस दिन चैत्र रामनवमी का पर्व था उस दिन तीर्थराज प्रयाग भी अपने कलुष मिटाने अयोध्या आए थे। कहा जाता है कि जब तीर्थराज प्रयाग अयोध्या आए तब वह पूरी तरह से काले थे और उन्होंने अपने घोड़े समेत सीधे सरयू नदी में डुबकी लगा दी। जिसके बाद जब वह नदी से बाहर निकले तो वह स्वयं और उनका घोड़ा बिल्कुल सफेद रंग का हो गया।

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शाष्त्रों में उल्लिखित है प्राचीन अयोध्या के ये पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार चैत्र रामनवमी के दिन सरयू नदी में स्नान करने से सभी प्रकार के पाप और कलुष मिट जाते हैं। इसी कारण पूरी दुनिया का पाप धोने वाले तीर्थराज प्रयाग भी चैत्र रामनवमी के दिन अयोध्या आते हैं और अपने ऊपर लगे हुए कलुष को मिटाते हैं।

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जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य महाराज ने बताया कि श्री राम नवमी के दिन अयोध्या में आकर पवित्र सरयू नदी में स्नान करने और श्री राम लला के प्राकट्य उत्सव में शामिल होकर उस का दर्शन करने मात्र से जन्म जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं और भगवान श्री राम लला की विशेष कृपा उस व्यक्ति को प्राप्त होती है। इसी पौराणिक मान्यता के चलते चैत्र रामनवमी के दिन देश भर से श्रद्धालु धार्मिक नगरी अयोध्या पहुँचते हैं।

Shivakant Shukla

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