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चम्बल पुल हुआ जर्जरः यूपी-एमपी को जोड़ता है, आवागमन में हो रही परेशानी
चम्बल पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है मुम्बई की टीम पुल की मरम्मत कर रही है। पिछले 3 मार्च से भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, इसके बावजूद 40 टन क्षमता भार वाले हजारों ओवर लोड ट्रक पुल से प्रतिदिन गुजरते हैं। ओवरलोड़ ट्रकों की वजह से पुल के बैरिंग टूट चुके हैं।
इटावा: 50 वर्ष पुराना उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य को जोड़ने वाला एक मात्र राष्ट्रीय मार्ग 92 चम्बल पुल क्षतिग्रस्त हो चुका है। बड़े ओवरलोड़ वाहन नहीं रोके गए तो भविष्य में कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। यह जानकारी सहायक अभियंता ने दी है। मुम्बई की टीम पुल की मरम्मत कर रही है। बता दें कि पिछले 3 मार्च से भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, इसके बावजूद 40 टन क्षमता भार वाले हजारों ओवर लोड ट्रक पुल से प्रतिदिन गुजरते हैं। ओवरलोड़ ट्रकों की वजह से पुल के बैरिंग टूट चुके हैं।
एनएच 92 इटावा का सबसे लंबा चम्बल नदी का पुल
इटावा-उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश को जोड़ने वाला एनएच 92 इटावा का सबसे लंबा चम्बल नदी का पुल जोकि 600 मीटर लंबा चम्बल पुल जो 1970 में बनकर तैयार हुआ था। जो कि उत्तर प्रदेश के इटावा एवं मध्य प्रदेश के भिंड ग्वालियर और मुरैना जिले को जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण पुल है। लेकिन इतना महत्वपूर्ण पुल होने के बाद भी इसकी खस्ता हालत बता रही है कि इस पुल से बड़े ओवरलोड गाड़ियों का निकलना बदस्तूर जारी रहता है।
मध्य प्रदेश के क्वारी नदी से होने वाला अवैध खनन के ओवर लोड़ डंपर और ट्रक उत्तरप्रदेश में आने के लिए इसी पुल का प्रयोग करते है जिस कारण इसकी हालात बेहद खराब हो चुकी है। पुल की मिंयाद हुई ख़त्म, स्लैब खराब होने से छतिग्रस्त हुआ पुल, पिछले 10 वर्षों में कई बार लगातार पुल टूट कर गंभीर अवस्था में पहुँचा।
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पुल की जर्जर हालत के लिए मौरंग, गिट्टी के ओवरलोड़ ट्रक, डंफर जिम्मेदार
इस पुल की जर्जर हालत के लिए मौरंग, गिट्टी के ओवरलोड़ ट्रक,डंफर है। सहायक अभियंता सुभाष चंद्र ने इसको लेकर आशंका जताई है कि यदि इसी प्रकार अवैध ओवरलोड़ गाड़ियां यहां से जर्जर हो चुके पुल से निकलती रही तो है तो इसमें कोई शक नही कभी भी इस विशाल पुल पर हो सकता है बड़ा हादसा। पुल के नए निर्माण के लिए 2018 में जा चुकी है डीपीआर, सरकार से अब तक नही मिली स्वीकृति।
यूपी एमपी को जोड़ने के लिए नए फोरलेन पुल के निर्माण में लगभग 175 करोड़ की लागत और 2 वर्षो का समय लगेगा। हालांकि सरकार को नवीन पुल के निर्माण के लिए पुनः इसका प्रस्ताव 2 दिन पहले भेजा गया है शासन से स्वीकृति मिलने के बाद ही नया पुल बनेगा।
रिपोर्ट- उवैश चौधरी, इटावा
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