TRENDING TAGS :
Sonbhadra News: प्यार में मिला धोखा, परिवार ने भी किया किनारा, दोराहे पर खड़ी हुई किशोरी की जिंदगी, प्रेमी के खिलाफ केस
Sonbhadra News: पहले प्रेम, फिर धोखा और अब बिन ब्याही मां बनी आदिवासी किशोरी से उसके परिवार ने भी किया किनारा.., सामने पहाड़ सरीखी जिंदगी..।
Sonbhadra News: पहले प्रेम, फिर धोखा और अब बिन ब्याही मां बनी आदिवासी किशोरी से उसके परिवार ने भी किया किनारा.., सामने पहाड़ सरीखी जिंदगी..। ऐसे में दुधमुंह बच्चे को लेकर किशोर कहां जाए, किसके पास जाएं, जैसे सवाल उसके सामने खड़े हो गए हैं। मामला विंढमगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ही बना आसरा
पिछले पांच दिन से दुद्धी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ही किशोरी और उसके दुधमुंह बच्चे का ठिकाना बना हुआ है। भर्ती होने के दिन माता-पिता अस्पताल आए थे लेकिन अब उन्होंने किनारा कर लिया है। ऐसे में अब तक युवती को सहारा देने के लिए किसी के सामने न आने से, जहां चिकित्सालय प्रबंधन के सामने परेशानी सी खड़ी हो गई है। वहीं, अस्पताल प्रबंधन की तरफ से दी गई जानकारी और घटना को लेकर पिता की तरफ से मिली तहरीर के आधार पर, विंढमगंज पुलिस ने दुष्कर्म की धारा और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
खून से लथपथ स्कूल के बरामदे में पड़ी मिली थी किशोरी
बता दें कि विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव से गत 10 जुलाई को हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था। बताया गया कि विंढमगंज थाना क्षेत्र निवासी किशोरी का बगल गांव निवासी युवक से प्रेम संबंध हो गया था। चार माह पूर्व जब परिजनों की तरफ से एतराज जताया जाने लगा, दोनों अचानक गायब हो गए। माता-पिता ने समझा कि वह प्रेमी के साथ चली गई है। गत 10 जुलाई की सुबह पीड़िता के गांव के कुछ लोग, गांव के बाहर स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचे तो देखा कि किशोरी खून से लथपथ हालत में स्कूल के बरामदे में पड़ी हुई थी और तत्काल का जन्मा एक बच्चा पास में पड़ा हुआ था। तत्काल मामले की जानकरी पुलिस को देने के साथ ही एंबुलेंस सेवा को दी गई। एंबुलेंस के जरिए जच्चा-बच्चा दोनों को सीएचसी दुद्धी पहुंचाया गया, जहां दोनों को भर्ती कर उपचार जारी कर दिया गया।
अब माता-पिता ने भी उसे सहारा देने से किया इंकार
मामले की जानकारी के बाद पीड़िता के माता-पिता अस्पताल पहुंचे और बेटी से घटना की जानकारी लेने के बाद, तात्कालिक तौर पर तो बेटी को सहारा देने की बात कही लेकिन अचानक से अब माता-पिता ने भी उसे सहारा देने से इंकार कर दिया है। अलबत्ता इस मामले में पिता की तहरीर पर आरोपी प्रेमी के खिलाफ धारा 376 और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। उधर, सीएचसी अधीक्षक शाह आलम ने पुलिस को भेजे पत्र में कहा है कि चार दिन पूर्व एक किशोरी को एंबुलेंस के जरिए लाया गया था, जो बिन ब्याही मां बनने के साथ ही नाबालिग है। उपचार के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं लेकिन अब उसे परिवार वाले घर ले जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं और अस्पताल में ही रखने को कह रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मानव संसाधन की कमी के कारण जच्चा-बच्चा को लंबे समय तक अस्पताल में रख पाना संभव नहीं है।