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हो जाएं सावधान: विदेश में नौकरी के नाम पर ठगी, दो गिरफ्तार

कोतवाली में वार्ता के दौरान सीओ सिटी सुरेंद्रनाथ ने बताया कि दो दिन पूर्व शहर निवासी पवन कुमार पुत्र मनोज कुमार खानपुर से सिंगापुर में नौकरी दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपये ठगे थे।

Newstrack
Published on: 17 Dec 2020 1:19 PM GMT
हो जाएं सावधान: विदेश में नौकरी के नाम पर ठगी, दो गिरफ्तार
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हो जाएं सावधान: विदेश में नौकरी के नाम पर ठगी, दो गिरफ्तार

औरैया: विदेश में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से फर्जी दस्तावेज, एक कार व लैपटॉप बरामद हुआ है। आरोपित 2020 की शुरूआत में सिंगापुर ट्यूरिज्म वीजा पर घूमने गए हुए थे। वीजा समाप्त होने के बाद वह भारत लौट आए और इसके बाद फर्जी वेबसाइट्स / ईमेल आईडी बनाकर एवं कंपंनियों के फर्जी दस्तावेज, सैलरी स्लिप, इन्वाइस, अपॉइन्टमेन्ट लेटर आदि तैयार कर लोगों से धोखाधड़ी कर लगभग एक करोड़ रूपये अपने विभिन्न बैंकों के एकाउन्ट्स में जमा करा लिए।

सिंगापुर में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा

कोतवाली में वार्ता के दौरान सीओ सिटी सुरेंद्रनाथ ने बताया कि दो दिन पूर्व शहर निवासी पवन कुमार पुत्र मनोज कुमार खानपुर से सिंगापुर में नौकरी दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपये ठगे थे। जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई। इस पर सर्विलांस के जरिए आरोपितों को पता लगाया गया। सीओ ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपयों की ठगी करने वाले बदमाशों का एक अन्तर्राज्यीय गिरोह औरैया में क्रियाशील है।

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गुरूवार को सदर कोतवाल संजय पांडेय व आलोक दुबे ने बृह्मनगर मोहल्ले से अजीत पांडेय पुत्र संतोष कुमार पांडेय निवासी श्रीराम पैलेस वाली गली मोहल्ला बृह्मनगर व कुमार अनिकेत पुत्र त्रिपुरारी सिंह निवासी ग्राम जमड़ी, थाना चेरकी, जनपद गया, प्रान्त बिहार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि वह दिल्ली, भुवनेश्वर, चेन्नई के कालेजों से व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त हैं। जो भारत व विदेशों के विभिन्न स्थानों में घूमे फिरने व देश विदेश की तमाम व्यवस्थाओं के जानकार हैं।

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उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 की शुरूआत में ये दोनों लोग सिंगांपुर ट्यूरिज्म वीजा पर घूमने गये थे, जहां एक महीना तक रूके और घूम फिर कर विभिन्न कम्पनियों व होटलों में एनआइआर एवं वहां के एजेन्टों से बातचीत कर सिंगापुर में नौकरी करने वाले भारतियों की सैलरी, पैकेज, काम के प्रकार व नौकरी मिलने के माध्यमों के बारे में तमाम जानकारी हासिल कर ली और वीजा समाप्त होने पर भारत वापस आए।

पहचान वाले लोगों को बनाया टारगेट

सीओ सुरेंद्रनाथ ने बताया कि भारत आने के बाद यहां आकर अपने मिलने वालों व सोशल साइट्स के फ्रेन्ड सर्किल में पढ़े लिखे बेरोजगारों को सिंगापुर एवं अन्य देशों में उनकी क्षमता के अनुरूप लाखों रूपये प्रति माह सैलरी की नौकरी दिलाने का झाँसा देते थे। उन्होंने कम्पनियों एवं होटलों की फर्जी वेबसाइट्स/ ईमेल आई.डी. बनाकर एवं कम्पनियों के फर्जी दस्तावेज, सैलरी स्लिप, इन्वाइस, अपॉइन्टमेन्ट लेटर कर लेते थे।

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रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया

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