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सुनील आंबेकर की पुस्तक का होगा लोकार्पण, सीएम योगी होंगे मुख्य अतिथि

यूपी की राजधानी लखनऊ में 26 फरवरी यानि आज एक पुस्तक का विमोचन होने वाला है। यह पुस्तक आरएसएस के अखिल भारतीयसह प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने लिखा हैं। इस पुस्तक का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 'स्वर्णिम भारत के दिशा सूत्र' है। जिसका विमोचन आज होने वाला है। आप को बता दें कि इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ मुख्य अतिथि हैं।

Shweta Pandey
Published on: 26 Feb 2021 9:09 AM GMT
सुनील आंबेकर की पुस्तक का होगा लोकार्पण, सीएम योगी होंगे मुख्य अतिथि
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सुनील आंबेकर

लखनऊः यूपी की राजधानी लखनऊ में 26 फरवरी यानि आज एक पुस्तक का विमोचन होने वाला है। यह पुस्तक आरएसएस के अखिल भारतीयसह प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने लिखा हैं। इस पुस्तक का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 'स्वर्णिम भारत के दिशा सूत्र' है। जिसका विमोचन आज होने वाला है। आप को बता दें कि इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ मुख्य अतिथि हैं। पुस्तक विमोचन के दौरान RSS के पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबाले भी होंगे। पुस्तक विमोचन में RSS के बड़े पदाधिकारी भी शिरकत करेंगे

आखिर क्या लिखा है इस पुस्तक में-

आप को बता दें कि सुनील ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दीर्घ-यात्रा पर अनेक पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। जिसके बाद से इन्होंने बहुत सुर्खियां बटोरी।इनका मानना है कि यदि भारत एक हिंदू-राष्ट्र बन जाता है, तो इसमें मुसलमानों और अन्य धर्मों का क्या स्थान होगा। क्या हिंदुत्व जाति की राजनीति को खत्म कर देगा। संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुनील आंबेकरजी ने इस पुस्तक में इन सवालों का शोध किया है।

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आखिर कौन है सुनील आंबेकरः

सुनील आंबेकर का जन्म 26 दिसंबर 1967 को नागपुर में महल गांव में हुआ। सुनील आंबेकर की शिक्षा नागपुर से कोशिका शाखा से हुई है। सुनील ने एमए जीव विज्ञान से पढ़ाई की है।आंबेकर भारतीय राष्ट्रवाद व छात्र राजनीति के गहरे अध्ययनकर्ता हैं और इन्होंने आपना पूरा जीवन RSS को समर्पण कर दिया और इन्होंन कभी विवाह नही किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में संगठन मंत्री रहे हैं। संघ कार्य में उनकी सराहना होती रही है। पूर्वोत्तर के राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के मामले पर आंबेकर के संगठन कार्यों को सराहा गया था। बांग्लादेश में घुसपैठ के विरोध का मामला हो, या फिर भ्रष्टाचार के विरुद्ध विद्यार्थियों के आंदोलन, सभी में आंबेकर की रणनीति प्रभावी रही है।

Shweta Pandey

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