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यूपी में 200 एकड़ भूमि में जैविक नर्सरी लगाए जाए: मुख्य सचिव

प्रदेश में जैविक खेती का दायरा बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना बनाई जाएगी, जिसमें हर जिले की 200 एकड़ भूमि को चिन्हित कर गंगा किनारे भी जैविक नर्सरी लगाए जाएगें।

Roshni Khan
Published on: 17 Jun 2020 3:49 PM IST
यूपी में 200 एकड़ भूमि में जैविक नर्सरी लगाए जाए: मुख्य सचिव
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लखनऊ: प्रदेश में जैविक खेती का दायरा बढ़ाने के लिए एक कार्य योजना बनाई जाएगी, जिसमें हर जिले की 200 एकड़ भूमि को चिन्हित कर गंगा किनारे भी जैविक नर्सरी लगाए जाएगें। साथ ही टिशू कल्चर लैब में विभिन्न प्रजातियों के ज्यादा से ज्यादा गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

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मुख्य सचिव आरके तिवारी ने दिए ये निर्देश

मुख्य सचिव आर के तिवारी ने यह निर्देश लोक भवन स्थित कार्यालय कक्ष के सभागार में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की 30वीं स्टेट लेवल सेक्शनिंग कमेटी तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की 6वीं एसएलएससी बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग द्वारा नर्सरी का सुदृढ़ीकरण करने के साथ-साथ नर्सरी में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के मानकों के अनुसार अवस्थापना सुविधायें विकसित कर एनएचबी से जोड़ा जाये।

तिवारी ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग गोदामों को निर्मित करने के स्थान पर एकीकृत गोदाम बनाने का माॅडल तैयार किया जाये, ताकि गोदामों का अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी विभाग एवं संस्थाएं लाभार्थीपरक कार्यक्रमों में कृषकों को अधिक से अधिक लाभ का भुगतान डीबीटी के माध्यम से तेजी के साथ कराने एवं सृजित अवस्थापनाओं की शत्-प्रतिशत जियो-टैगिंग कराना सुनिश्चित की जाए।

राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में कृषि, गन्ना, उद्यान, रेशम, पशुपालन, मत्स्य, यूपी डास्प तथा प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थाओं की वर्ष 2020-21 के लिए लगभगरू0 871.17 करोड की कुल 75 योजनाएं के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया। बैठक में प्रदेश के 100 विकास खण्डों में 80.14 करोड़ की लागत से 100 किसान केन्द्रों के निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसके अन्तर्गत किसानों को एक ही स्थान पर कृषि निवेश, प्रशिक्षण एवं डीबीटी की सुविधा प्राप्त होगी।

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सात जनपदों में 2000 लघु तालाब

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सात जनपदों में 2000 लघु तालाब एवं 500 मध्यम तालाबों के लिए 17.81 करोड़ की धनराशि अनुमोदित की गई, जिसके तहत तालाबों की खुदाई के लिए किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देय होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जनपदों में हरित क्रान्ति के विस्तार की योजना के लिए 70.63 करोड़ अनुमोदन प्रदान किया गया।

इसी प्रकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों में फसल विविधीकरण कार्यक्रम के लिए 42.17 करोड़, नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत 35780 हे0 क्षेत्र में जैविक खेती के विस्तार के लिए 182.47 करोड़ तीन वर्ष के लिए एवं वर्ष 2020-21 के लिए 60.22 करोड़ के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।

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प्रदेश के गन्ना उत्पादक 44 जनपदों के लिए प्राथमिक, आधारीय पौधशाला वितरण के लिए 7.42 करोड़, प्रदेश के 30 नान एमआईडीएच जनपदों में औद्यानिकी विकास कार्यक्रमों के लिए 38.67 करोड़, उद्यान विभाग की 23 जनपदों में स्थापित 36 राजकीय पौधशालाओं एवं प्रक्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण एवं विकास के लिए 51.32 करोड़ रू0, पान उत्पादक 21 जनपदों में पान की खेती के प्रोत्साहन के लिए 2.5 करोड़ के प्रस्ताव बैठक में अनुमोदित किये गये। प्रदेश के 15 रेशम उत्पादक जनपदों में राजकीय रेशम प्रक्षेत्रों के विकास हेतु 8.72 करोड़ अनुमोदित, पशुओं में गलाघोटू रोग की रोकथाम के टीकाकरण के लिए 21 करोड़, मत्स्य पालन विकास कार्यक्रमांे हेतु 19.11 करोड़ के प्रस्ताव अनुमोदित किये गये।

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