×

बाल विवाह की 50 शिकायतें: तेजी से बढ़ रहा ये अपराध, नहीं रोक पा रही पुलिस

देश में बाल विवाह भले ही गैरकानूनी हो तथा बाल विवाह करने पर सजा का प्राविधान हो लेकिन यूपी में बाल विवाह नहीं रूक पा रहे है।

Roshni Khan
Published on: 8 Jun 2020 8:54 AM GMT
बाल विवाह की 50 शिकायतें: तेजी से बढ़ रहा ये अपराध, नहीं रोक पा रही पुलिस
X
बाल विवाह की 50 शिकायतें: तेजी से बढ़ रहा ये अपराध, नहीं रोक पा रही पुलिस

लखनऊ: देश में बाल विवाह भले ही गैरकानूनी हो तथा बाल विवाह करने पर सजा का प्राविधान हो लेकिन यूपी में बाल विवाह नहीं रूक पा रहे है। यूपी का श्रावस्ती जिला तो इस मामले में देश में पहले स्थान पर है ही लेकिन राजधानी लखनऊ भी पीछे नहीं है। राजधानी लखऊ में लगातार बाल विवाह की शिकायतें आ रही हैं। पिछले एक साल में करीब 50 से अधिक मामले सामने आए, जिन्हें बाल कल्याण समिति ने चाइल्ड लाइन की मदद से रुकवाया।

ये भी पढ़ें:जमीन के फर्जीवाड़े को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश, सड़क पर किया प्रदर्शन

राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा मामले

राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा मामले माल और मलिहाबाद क्षेत्र से आए हैं। खास बात यह है कि शहरी इलाकों से भी बाल विवाह की शिकायतें मिली हैं। न्यायालय बाल कल्याण समिति को अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक माल क्षेत्र में 21 बाल विवाह की शिकायतें मिलीं थीं। इस पर कार्यवाई करते हुए चाइल्ड लाइन व पुलिस की मदद से इन बाल विवाहों को रोका गया था और अभिभावकों को ऐसा दोबारा न करने के निर्देश दिए गए थे। यही नहीं मलिहाबाद में चार, काकोरी में चार, बक्शी का तालाब में दो और गोसाईगंज में भी दो मामले सामने आए। यही नहीं लखनऊ शहर से भी पिछले एक साल में 12 शिकायतें प्राप्त हुई हैं।

ये भी पढ़ें:अभी-अभी हिली धरती: भूकंप के जोरदार झटकों से डरे लोग, इतनी रही तीव्रता

इतना ही नहीं कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में जब सभी गतिविधियां बंद थी, तब भी बाल विवाह नहीं रूका। न्यायालय बाल कल्याण समिति की सदस्य डा. संगीता शर्मा ने बताया कि अप्रैल माह में इसकी शिकायत नहीं मिली। हालांकि मई और जून माह में अब तक दो मामले प्रकाश में आए। इनमें एक मामले में एफआइआर दर्ज करने के आदेश भी दिए गए हैं।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 इन जगहों पर है मामले

बता दे कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के मुताबिक यूपी में श्रावस्ती में 68.5 प्रतिशत, गांेडा में 48.60 प्रतिशत, ललितपुर में 49.60 प्रतिशत, महराजगंज में 48.20 प्रतिशत, सिद्धार्थनगर में 45.20 प्रतिशत तथा लखनऊ में 15 प्रतिशत बाल विवाह होते है। जबकि देश के कानून के अनुसार अगर शादी के समय दूल्हे की उम्र 21 साल या दुल्हन की उम्र 18 साल से कम है तो (शिकायत होने पर) हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा-18 के अनुसार दोषी व्यक्ति को पंद्रह दिन तक की कैद या एक हजार रुपया जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Roshni Khan

Roshni Khan

Next Story