TRENDING TAGS :
Chitrakoot News: 54 दिन में दुष्कर्म का फैसला 10 वर्ष का कारावास, विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट की अदालत ने सुनाया फैसला
Chitrakoot News: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय की अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म मामले की 54 दिन में सुनवाई पूरी करते हुए आरोपित को दोषी सिद्ध करार दिया है। कोर्ट ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
Chitrakoot News: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय की अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म मामले की 54 दिन में सुनवाई पूरी करते हुए आरोपित को दोषी सिद्ध करार दिया है। कोर्ट ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
सरधुवा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति ने पिछले जून माह में नाबालिग बेटी के साथ हुई घटित घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि वह अपनी बीमार बहन को देखने के लिए उसकी ससुराल गया था। वहां से 16 जून को लौटकर घर आया। यहां आने पर बेटी ने बताया कि 11 जून को वह बाबा के घर सिलाई सीखने गई थी। वहां से लौटने के बाद वह शौच क्रिया के लिए बाहर गई। तभी बरद्धारा निवासी शिवशंकर उर्फ निंदा यादव ने रास्ते में उसे रोक लिया। इसके बाद उसका हाथ पकडकर खींचते हुए पास के संकुल भवन में ले जाकर दुष्कर्म किया। उसने किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी दी। सूचना के मात्र तीन दिन बाद 20 को पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया और 10 वें दिन 27 जून को कोर्ट में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप ने बताया कि कोर्ट ने मुकदमा पंजीकृत होने के 54 दिन एवं आरोप पत्र दाखिल होने के 35 दिन में सुनवाई पूरी की। कोर्ट ने बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद शिवशंकर उर्फ निंदा को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
क्या है यह पॉक्सो कानून
POCSO अधिनियम, 2012 (Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012) एक भारतीय कानून है जो बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से पारित किया गया था। यह अधिनियम विभिन्न यौन अपराधों की परिभाषा करता है जो 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के साथ किए जाते हैं और उन्हें सुरक्षित रखने का प्रबंधन करता है