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CAA के खिलाफ हिंसा की आग में जला UP, 11 की मौत, इन जिलों में इंटरनेट बंद

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जमकर हिंसा हुई। इस हिंसा के दौरान यूपी में अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है।

Dharmendra kumar
Published on: 21 Dec 2019 5:24 AM GMT
CAA के खिलाफ हिंसा की आग में जला UP, 11 की मौत, इन जिलों में इंटरनेट बंद
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जमकर हिंसा हुई। इस हिंसा के दौरान यूपी में अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है। बिजनौर में गोली लगने से 2 युवक की मौत हो गई है, जबकि 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं मेरठ में एक पुलिस चौकी को फूंक दिया गया है।

बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से शांति की अपील की। पश्चिम उत्तर प्रदेश में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। जुमे की नमाज के बाद बुलंदशहर से लेकर मेरठ, हापुड़, अमरोहा, शामली, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, हाथरस और सहारनपुर तक लोग सड़कों पर उतर आए। तो वहीं गोरखपुर, सीतापुर, वाराणसी, कानपुर, एटा, बहराइच, फैजाबाद, भदोही, फिरोजबाद में प्रदर्शन हुए।

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उत्तर प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर प्रदर्शन शांति पूर्ण नहीं रहा, लेकिन हर जगह पत्थरबाजी, आगजनी की घचटनाएं सामने आई हैं। यूपी में अब तक हिंसक प्रदर्शन के दौरान 11 लोगों की मौत हुई है, जिसमें फिरोजाबाद, बिजनौर और कानपुर में दो-दो मौत, मेरठ में 3 की मौत जबकि कानपुर, फिरोजाबाद और संभल में एक-एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। वाराणसी में प्रदर्शन के दौरान भीड़ में कुचलकर एक बच्चे ने दम तोड़ दिया।

कानपुर में 13 प्रदर्शकारी और 18 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। फिरोजाबाद में 20 प्रदर्शनकारी और तकरीबन 70 पुलिसवाले घायल बताए जा रहे हैं। मेरठ में 12 प्रदर्शनकारी और 6 पुलिसवाले घायल हैं तो वहीं बिजनौर में तीन प्रदर्शनकारी और 8 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

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यूपी में हाई अलर्ट जारी किया गया है और इसके साथ ही ऐहतियातन आज सभी स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है और 21 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इससे पहले गुरुवार और शुक्रवार को भी प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे।

हिंसक घटनाओं से मुख्यमंत्री का शहर गोरखपुर भी नहीं बचा। नागरिकता कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों ने पुलिस पर जमकर पत्थर बरसाए। हिंसा पर उतारू भीड़ से निपटना पुलिस के लिए भारी पड़ गया। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में नागरिकता कानून के विरोध देखने को मिला। कई शहरों में पुलिस पर पथराव हुए और गाड़ियां फूंक दी।

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हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्त ऐक्शन लेते हुए अब तक करीब 3,000 लोगों को हिरासत में लिया है। हिंसा के बाद भी कई इलाकों में तनाव बना हुआ है। इलाहाबाद, मुरादाबाद, गाजियाबाद, आजमगढ़, लखनऊ, कानपुर, बरेली, आगरा, मुजफ्फरनगर, वाराणसी, अलीगढ़, सहारनपुर, मेरठ, शाहजहांपुर, मथुरा, रामपुर, मऊ, संभल, पीलीभीत, अमरोहा, शामली में इंटरनेट बंद है।

लखनऊ में पूर्व आईपीएस गिरफ्तार

हिंसा भड़काने, शांतिभंग करने और अन्य आरोपों में पुलिस ने गुरुवार से लेकर शुक्रवार तक पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी समेत करीब 151 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में 6 पश्चिम बंगाल के भी हैं। लखनऊ के एसएसपी ने बताया कि हसनगंज में तीन, हजरतगंज में दो, ठाकुरगंज में चार और कैसरबाग में दो एफआईआर दर्ज करवाई गईं हैं। यह संख्या अभी और बढ़ेगी।

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गाजियाबाद में 3600 लोगों पर केस

गाजियाबाद में पुलिस ने हंगामा करने के आरोप में 3600 लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। इसमें से 400 से ज्यादा लोग नामजद हैं और 3200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

अलीगढ, देवबंद, बरेली, आजमगढ़, सहारनपुर और बिजनौर में हालात सामान्य है। अलीगढ़ में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। बुलंदशहर में 19 लोगों के खिलाफ 19 एफआईआर दर्ज किया गया है। जबकि 700-800 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने 16 लोगों को हिरासत में लिया है। जौनपुर में 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है तो वहीं 125 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।

Dharmendra kumar

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