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बिजली बिल का भुगतान होगा आसान, सीएम योगी ने 27 उपकेंद्रों का किया लोकार्पण
आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के 1,920 करोड़ रुपये की लागत के 27 पारेषण उपकेन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन पारेषण उपकेन्द्रों में 220 केवी क्षमता के 2 तथा 132 केवी क्षमता के 9 उपकेन्द्र शामिल हैं।
लखनऊ: पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान किये गए अपने वादों को पूरा प्रयास में जुटी भाजपा सरकार अब बिजली व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के 1,920 करोड़ रुपये की लागत के 27 पारेषण उपकेन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन पारेषण उपकेन्द्रों में 220 केवी क्षमता के 2 तथा 132 केवी क्षमता के 9 उपकेन्द्र शामिल हैं। यह उपकेन्द्र बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, अयोध्या, चित्रकूट, सीतापुर, मिर्जापुर, लखनऊ, वाराणसी, फतेहपुर तथा गोण्डा में स्थापित किये गये हैं। इनके निर्माण की कुल लागत 571.57 करोड़ रुपये है।
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पारेषण उपकेंद्र शामिल
जिन उपकेन्द्रों का शिलान्यास किया गया, उनमें 220 केवी क्षमता के 10 तथा 132 केवी क्षमता के 06 पारेषण उपकेंद्र शामिल हैं। यह उपकेन्द्र जनपद लखनऊ, झांसी, फर्रुखाबाद, आगरा, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ, महराजगंज, भदोही, फिरोजाबाद, बस्ती, बांदा, बागपत तथा कुशीनगर में निर्मित किये जाएंगे। इनकी कुल लागत 1347.91 करोड़ रुपये है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। राज्य सरकार की इसी प्रतिबद्धता का परिणाम है कि पिछले 4 वर्ष के दौरान प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने बेहतर कार्य संस्कृति को अपनाकर लोगों को निर्बाध बिजली देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि शिलान्यास की गयी परियोजनाओं से प्रदेश की सभी कमिश्नरियों को इसका लाभ मिलेगा, जिससे जनता को निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
निर्बाध विद्युत आपूर्ति ने किसानों की लागत को कम करते हुए कृषि उत्पादन बढ़ाने में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक लाख 21 हजार से अधिक ग्रामों व मजरों में विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि एक करोड़ 38 लाख परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं। ऊर्जा विभाग द्वारा टोल फ्री नम्बर जारी किया गया है, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित निस्तारण सम्भव हो रहा है।
इतने घंटे की जा रही है विद्युत की आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जिला मुख्यालय में 24 घण्टे, तहसील मुख्यालय में 20 से 22 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 19 घण्टे विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिना बिजली के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं से विद्युत बिल भी समय पर लेना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि गांवों में कॉमन सर्विस सेण्टर स्थापित कराये गये हैं, जिनके माध्यम से बिजली का बिल जमा किया जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेहतर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था निवेशकों को आकर्षित कर रही है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उप्र पावर कॉरपोरेशन ने कोरोना काल खण्ड में निर्बाध विद्युत आपूर्ति कर लोगों के जीवन को सहज बनाया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल खण्ड में प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कोविड हॉस्पिटल और टेलीमेडिसिन व टेलीकंसल्टेशन की सुविधा देने में इससे काफी मदद मिली, क्योंकि वहां विद्युत की आपूर्ति सम्भव हो पायी थी।
पारेषण तंत्र की अधिकतम भार वहन क्षमता 25,000 मेगावॉट
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में स्थापित पारेषण तंत्र की अधिकतम भार वहन क्षमता 25,000 मेगावॉट है। पिछले 4 वर्ष की अवधि में इस क्षमता में 53 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्तमान में लगभग 6,100 करोड़ रुपये लागत की पारेषण परियोजनाओं का कार्य पीपीपी मोड पर कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा 400 केवी विभव से उच्च प्रकृति के पारेषण कार्यांे को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से ही सम्पादित कराये जाने का सैद्धांतिक निर्णय लिया जा चुका है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों के जनप्रतिनिधियों से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने अपील की कि बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक है कि सभी उपभोक्ता समय पर बिजली बिल का भुगतान करें। ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि ऊर्जा विभाग नित नयी ऊँचाइयां प्राप्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि पारेषण तंत्र ऊर्जा विभाग की रीढ़ है। ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
श्रीधर अग्निहोत्री