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इंदिरा गांधी भी मुरीद रही हैं रामरतन के गाजर के हलवा की, योगी ने भी इसकी तारीफ

जिला मुख्यालय से तकरीबन 19 किलोमीटर दूर स्थित सहतवार कस्बा प्रसिद्ध संत चैनराम बाबा का समाधि स्थल के रूप में मशहूर रहा है । उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी के गृह क्षेत्र बांसडीह में यह कस्बा आता है।

Roshni Khan
Published on: 26 Feb 2021 3:07 PM IST
इंदिरा गांधी भी मुरीद रही हैं रामरतन के गाजर के हलवा की, योगी ने भी इसकी तारीफ
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इंदिरा गांधी भी मुरीद रही हैं रामरतन के गाजर के हलवा की, योगी ने भी इसकी तारीफ (PC: social media)

बलिया: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल नये कृषि कानून के समर्थन में काली गाजर के हलवा का उदाहरण देते हुए जिले के सहतवार कस्बे के एक मिठाई दुकानदार की अनायास ही प्रशंसा नहीं की। इस दुकानदार के हलवे के पूर्व प्रधानमंत्री द्वय इंदिरा गांधी व चंद्रशेखर भी मुरीद रहे हैं । पूर्व केंद्रीय मंत्री मुलायम सिंह यादव व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी यह हलवा बेहद रास आया है।

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प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है

जिला मुख्यालय से तकरीबन 19 किलोमीटर दूर स्थित सहतवार कस्बा प्रसिद्ध संत चैनराम बाबा का समाधि स्थल के रूप में मशहूर रहा है । उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी के गृह क्षेत्र बांसडीह में यह कस्बा आता है। सीएम द्वारा सदन में नये कृषि कानून के समर्थन में काली गाजर के हलवा का उदाहरण देते हुए जिले के सहतवार कस्बे के एक मिठाई दुकानदार रामरतन की प्रशंसा करने के बाद सहतवार कस्बा खासतौर पर रामरतन का मिष्ठान दुकान चर्चा का केंद्र बना हुआ है। कल से ही प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है। अचानक ही सुर्खियों में आयी सहतवार के रामरतन की दुकान 100 वर्ष से भी अधिक पुरानी है।

रामरतन का निधन हुए तकरीबन 60 वर्ष हो गए

रामरतन का निधन हुए तकरीबन 60 वर्ष हो गए। इस समय उनकी चौथी व पांचवीं पीढ़ी दुकान का संचालन कर रही है। कस्बा में राम रतन के नाम से तकरीबन दस दुकान है । इन दुकानों पर काली गाजर का हलवा व टिकरी लेने के लिए ग्राहकों की नित्य भारी भीड़ उमड़ती है । कस्बे के पुराने लोगों का कहना है कि प्रसिद्ध संत चैनराम बाबा के समाधि स्थल पर पर देशी घी से निर्मित शुद्ध मिठाई का भोग लगाने के लिये रामरतन की दुकान खुली थी । चैन राम बाबा के शिष्य मौनिया बाबा के समय से शुरू हुई यह परम्परा अब भी कायम है। रोजाना सुबह मिट्टी के पात्र में यहां से मिठाई-हलवा जाता है और चैनराम बाबा को पहला प्रसाद चढ़ता है।

यह दुकान खपरैल में थी, अब पक्का निर्माण हो चुका है

सीजन में हलवा, जबकि बाकी समय में मिठाई समाधि स्थल पर चढ़ाने को जाती है। पहले यह दुकान खपरैल में थी, अब पक्का निर्माण हो चुका है। मूल दुकान अब भी सहतवार कस्बे में है, जबकि कस्बे के अन्य हिस्सों में उनके परिवार के सदस्यों की कई और दुकानें हैं। सबसे पुरानी दुकान पर रामरतन की मौत के बाद उनके पुत्र जगन्नाथ ने दुकान संभाली। उनकी मौत के बाद उनके पुत्र मोतीलाल प्रसाद मूल दुकान पर बैठते हैं। जबकि अन्य सदस्य अलग-अलग स्थानों पर दुकान संचालित कर रहे हैं। काली गाजर के हलवा को लेकर राम रतनकी दुकान बेहद प्रसिद्ध है । पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक से लोग यहां हलवा खरीदने के लिए आते हैं ।

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सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसका स्वाद चख चुके हैं

सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसका स्वाद चख चुके हैं । स्थानीय पत्रकार गिरीश तिवारी बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री द्वय इंदिरा गांधी व चंद्रशेखर भी इस हलवा के मुरीद रहे हैं । पूर्व केंद्रीय मंत्री मुलायम सिंह यादव व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी इस हलवा का स्वाद बेहद भाया है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रशंसा करने के बाद रामरतन की दुकान व हलवा सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड कर रहा है ।

रामरतन के पौत्र मोती लाल बताते हैं कि काली गाजर का हलवा तैयार करने के लिए उनके परिवार को खासी मशक्कत करनी पड़ती है । काली गाजर को उपलब्ध कराने के लिए वह समीपवर्ती ग्रामों सिंगही , भोपतपुर , डुमरिया आदि के किसानों के सम्पर्क में रहते हैं । किसान काली गाजर की खेती करते हैं । वह किसानों से काली गाजर खरीदते हैं ।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर

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