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गोरखपुर में बोले CM योगी, सकारात्मक सोच के साथ लक्ष्य की तरफ बढ़ें युवा
सीडीएस से हुई बातचीत का उल्ले ख करते हुए सीएम ने कहा कि सीमा पर तैनात हमारे जवान अनवरत सकारात्मक उर्जा और सोच के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं।
गोरखपुर: महराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 88 वें संस्थापक सप्ताह समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। गोरखपुर के महाराणा प्रताप इंटर प्रांगण के भव्य मंच से सीएम योगी आदित्यनाथ ने छात्रों-नौजवानों का आह्वान किया कि नकारात्मक सोच वाला व्यक्तित्व कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता। कोई व्यक्ति एक दिन में बड़ा नहीं होता बल्कि उसके लिए एक आदर्श सामने रख कर स्वयं को सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर करना पड़ना है। ऐसे में सकारात्मक सोच के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें।
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कोरोना काल में भी यह लगन देखने को मिली है
सीडीएस से हुई बातचीत का उल्ले ख करते हुए सीएम ने कहा कि सीमा पर तैनात हमारे जवान अनवरत सकारात्मक उर्जा और सोच के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। सीएम ने कहा कि कोरोना काल में भी यह लगन देखने को मिली है। आज विद्यार्थी और शिक्षक सहित हर व्यक्ति तकनीक सीख रहा है। ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। छोटे-छोटे बच्चे आज वर्चुअल क्लास अटैण्ड कर अपने पाठ्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। अब बच्चे पूछते है कि स्कूल कब खुलेंगे?
gorakhpur-cm-yogi (Photo by social media)
उन्होंने कहा कि गूगल और ऑनलाइन ही पढ़ाई नहीं हो सकती। आज बच्चे नई ललक के साथ स्कूल जाना चाहते हैं। सीएम ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है लेकिन इससे बचाव सतर्कता के जरिए ही सम्भव है।
उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश ने 1977 से 2017 तक इंसेफेलाइटिस से बड़ी लड़ाई लड़ी है। पिछले तीन वर्षों के अंदर विभागों के बीच समन्वय, स्वाच्छि भारत मिशन और जनसमुदाय को अभियान से जोड़ कर सरकार ने इंसेफेलाइटिस के मामलों को न्यूनतम स्तर पर लाने में सफलता प्राप्त कर ली। मौत के आंकड़ों पर 95 प्रतिशत नियंत्रण कर लिया गया।
प्रतिमाएं केवल प्रतिमाएं नहीं बल्कि हमारी प्रेरणा हैं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का अवसर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नवीन मंच के साथ महाराणा प्रताप, ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ, पूज्य गुरुदेव के शिक्षा, सेवा एवं स्वास्थ्य के इस प्रकल्प को अपनी सेवा की साधना का हिस्सा मानने वाले महंत अवेद्यनाथ महराज की प्रतिमाएं भी मंच पर स्थापित हुई हैं। यह प्रतिमाएं केवल प्रतिमाएं नहीं बल्कि हमारी प्रेरणा हैं। जिनके व्यक्तित्व और कृतित्व से एक नई प्रेरणा हासिल होती है। उन सभी को आदर्श मान कर हम आगे बढ़ सकें, प्रतिवर्ष यह कार्यक्रम इसलिए किया जाता है।
सभी जुड़ कर शताब्दी वर्ष की तैयारी के लिए अभी से काम करना शुरू करें। एक-एक संस्था राष्ट्र और समाज के लिए लाभदायक हो सके, यह लक्ष्य होना चाहिए। अपने संस्थापकों को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। देश का नागरिक कैसा हो विचार करना और उस दिशा में प्रयास करना हमारी शिक्षण संस्थाओं का दायित्व होना चाहिए।
gorakhpur-cm-yogi (Photo by social media)
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अयोध्या के बहाने गुरु को याद किया मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि ब्रहमलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सपना भी पूर्ण हुआ। यह सपना ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवेद्यनाथ के साथ देश के संतों और नागरिकों का भी था।
रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव
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