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योगी सरकार ने भदोही कालीन उद्योग में फूंकी जान, कल CM देंगे बड़ा तोहफा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ 31 दिसम्बर को 7.5 एकड़ क्षेत्र में 180 करोड़ रुपये लागत से निर्मित भदोही कालीन बाजार का शुभारम्भ करेंगे। इस कारपेट बाजार के माध्यम से स्थानीय उद्यमी, कारोबारी अपने उत्पादों का विक्रय एवं प्रदर्शन कर सकेंगें।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ 31 दिसम्बर को 7.5 एकड़ क्षेत्र में 180 करोड़ रुपये लागत से निर्मित भदोही कालीन बाजार का शुभारम्भ करेंगे। इस कारपेट बाजार के माध्यम से स्थानीय उद्यमी, कारोबारी अपने उत्पादों का विक्रय एवं प्रदर्शन कर सकेंगे। साथ ही देश एवं विदेश के खरीदारों एवं स्थानीय कालीन निर्माताओं को एक ही छत के नीचे व्यापार के अवसर सुलभ होंगे और भदोही के कालीन उद्योग को नया आयाम भी मिलेगा।
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उद्यमियों के लिए 94 दुकानें होंगी उपलब्ध
यह जानकारी सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि भदोही के कारपेट को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाने के लिए ‘‘भदोही कारपेट बाजार’’ की स्थापना की गई है। सिंह ने बताया कि तीन मंजिला कारपेट बाजार में उद्यमियों के लिए 94 दुकानें उपलब्ध होंगी। इसमें शापिंग मार्ट, म्यूजियम, स्माल शाॅप्स, एग्जीविशन हाॅल, स्टाफ क्वार्टर तथा गेस्ट हाउस की भी व्यवस्था होगी। शापिंग मार्ट के माध्यम से स्थानीय कारीगरों एवं उद्यमियों को अपने चुनिन्दा उत्पाद विक्रय करने का अवसर प्राप्त होगा। प्रदर्शनी हाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियां आयोजित की जायेंगी। इससे भदोही में निर्मित कारपेट को अंतरोष्ट्रीय पहचान दिलाने में सहायता मिलेगी एवं स्थानीय कारीगरों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त होंगें।
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इन देशों में किया जाता है निर्यात
प्रदेश के कुल कालीन उत्पादन का 95 प्रतिशत अमेरिका, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके आदि देशों में निर्यात किया जाता है। कारपेट की बढ़ती वैश्विक मांग को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम के तहत भदोही के कारपेट को ओडीओपी उत्पाद घोषित किया गया है। इसके माध्यम से कालीन उद्यमियों, हस्तशिल्पियों एवं करीगरों को वित्त पोषण, विपणन, डिजाइन विकास, कच्चा माल, बैंक ऋण आदि की सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा भदोही में ओडीओपी के तहत सामान्य सुविधा केन्द्र (सी.एफ.सी.) स्थापित कराई जायेगी। सी.एफ.सी. की स्थापना से उद्यमियों को स्थानीय स्तर पर यार्न (धागा) उपलब्ध होगा, जो अब तक देश के अन्य राज्यों से मंगाया जाता था अथवा अन्य देशों से आयात किया जाता था।
श्रीधर अग्निहोत्री