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सहकारिता भर्ती घोटाला: अब जल्द होगा फैसला, बड़े अफसरों पर गिरेगी गाज
पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए सहकारिता घोटाले का मामला जल्द ही खुल सकता है। इस विभाग में जांच में हुई भर्तियों में अनिमिताएं हुई थी।
लखनऊ: पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए सहकारिता घोटाले का मामला जल्द ही खुल सकता है। इस विभाग में जांच में हुई भर्तियों में अनिमिताएं हुई थी। जिसमें सहायक प्रबन्धक समेत 53 पदों पर भर्तियां हुई थी। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होने पर बडे बडे लोगों के नाम उजागर हो सकते है।
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जानकारों का कहना है
जानकारों का कहना है कि इस मामले में पिछले दिनों हुई बैठक में एसआईटी को मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दिए जाने पर सहमति बन गई। शासन से इसकी औपचारिक सूचना जल्द ही मिलने की संभावना है। इसके फौरन बाद मुकदमा दर्ज किए जाएगें।
इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट पर जल्द ही गृह विभाग अपनी संस्तुति देगा
शासन सूत्रों ने बताया कि इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट पर जल्द ही गृह विभाग अपनी संस्तुति देगा। प्रदेश का गृह विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है और उनकी सहमति मिलते ही इस पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। आरोपी अफसरों को निर्धारित अर्हता में नियम विरुद्ध ढंग से बदलाव करने तथा परीक्षा एजेंसी के माध्यम से ओएमआर शीट में हेराफेरी कराने में दोषी बताया गया है।
Co-operative building (social media)
यूपी कोआपरेटिव बैंक में सहायक प्रबंधक के 53 पदों पर हुई भर्तियों में अनियमितता पाई गई है
यूपी कोआपरेटिव बैंक में सहायक प्रबंधक के 53 पदों पर हुई भर्तियों में अनियमितता पाई गई है। शासन की औपचारिक मंजूरी मिलते ही प्रदेश पुलिस की एसआईटी आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर सकती है। यदि इस मामले में मुकदमा दर्ज होने की बात आती है तो इसमें यूपी कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड के तत्कालीन एमडी और उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष के अलावा निबंधक सहकारिता के कार्यालय के कुछ अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हे।
इस विभाग में 49 तरह के पदों के लिए कुल 2391 रिक्तियां विज्ञापित हुई थीं
बतातें चलें कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में इस विभाग में 49 तरह के पदों के लिए कुल 2391 रिक्तियां विज्ञापित हुई थीं। जिसमें से 2343 पदों पर भर्तियां कर ली गई थीं। ये पद राज्य भंडारण निगम, पीसीएफ, सहकारी ग्राम विकास बैंक, यूपी कोऑपरेटिव विकास बैंक, यूपी कोऑपरेटिव यूनियन, जिला सहकारी बैंक, सहकारी ग्राम विकास बैंक व यूपीआरएनएन (पूर्व नाम पैक्सफेड) आदि सहकारी संस्थाओं में रिक्त थे।
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प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद वर्ष 2018 में इन भर्तियों की जांच शुरू हुई थी। ये भर्तियां उप्र राज्य भंडारण निगम, पीसीएफ, सहकारी ग्राम विकास बैंक, यूपी कोऑपरेटिव विकास बैंक, यूपी कोऑपरेटिव यूनियन बैंक, जिला सहकारी बैंक, उप्र सहकारी बैंक, सहकारी ग्राम विकास बैंक, उप्र विधायन एवं निर्माण बैंक समेत अन्य इकाइयों में सहायक प्रबंधक, उप महाप्रबंधक, प्रबंधक, लिपिक, सहायक लिपिक के पदों पर होनी थीं। हालांकि, उस दौरान 2391 की बजाए 2343 भर्तियां ही हुईं। गड़बड़ी की शिकायत पर सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी।
श्रीधर अग्निहोत्री
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