ठंड का कहर: 'न्यूजट्रैक' ने उजागर की रैन बसेरों की सच्चाई, सड़क पर बीत रही रातें

बेहाल ठंड में बदहाल रैन बसेरों का काला सच भी सामने आ गया है, पूरा उत्तर प्रदेश इस समय कोहरे और शीतलहर की चपेट में है, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रैन बसेरे को लेकर किये गए दावे खोखले नजर आ रहे हैं।

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Published on: 18 Dec 2020 2:33 PM IST
ठंड का कहर: न्यूजट्रैक ने उजागर की रैन बसेरों की सच्चाई, सड़क पर बीत रही रातें
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ठंड का कहर: 'न्यूजट्रैक' ने उजागर की रैन बसेरों की सच्चाई, सड़क पर बीत रही रातें

आशुतोष त्रिपाठी

लखनऊ: ठंड का कहर शुरू हो गया है पूरे उत्तर प्रदेश में ठंड बढ़ने के साथ ही राजधानी लखनऊ में लोग ठंड से बेहाल हैं। बेहाल ठंड में बदहाल रैन बसेरों का काला सच भी सामने आ गया है, पूरा उत्तर प्रदेश इस समय कोहरे और शीतलहर की चपेट में है, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रैन बसेरे को लेकर किये गए दावे खोखले नजर आ रहे हैं।

गरीब खुले में जहां-तहां रात गुजार रहे

गुरुवार देर रात जब 'न्यूजट्रैक' की टीम ने रैन बसेरों की सच्चाई देखी तो सच्चाई चौंका देने वाली थी। पूरे लखनऊ में रैन बसेरों में जरुरी सुविधाओं की कमी के चलते बेघर गरीब खुले में जहां-तहां रात गुजार रहे हैं। इन गरीबों का कहना है कि सरकार द्वारा रैन बसेरे तो बहुत लगाए गए हैं। लेकिन इनकी गिनती आप उंगलियों पर कर सकते हैं।

एक ही बेड पर 4 से 5 लोग सो रहे हैं

आपको बता दें कि एक रैन बसेरे में जहां एक ही बेड पर 4 से 5 लोग सो रहे हैं। तो ऐसे में आसमान के नीचे ही रात गुजार लेना सही है। आपको बता दें कल रात में राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान करीब 7 डिग्री तक पहुंच गया था। कुछ लोगों का तो ये भी कहना था कि कोरोना एक डर भी मन में लगा रहता है।

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रैन बसेरे में सोने आये लोगों को हम नहीं जानते ऐसे में अगर कोई संक्रमित हुआ तो अन्य में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। रैन बसेरों में आने वाले लोगों की भी कोविड जांच होनी चाहिए।

यहां आने वाले लोगों की भी हो कोरोना की जांच

रैन बसेरों में आने वाले लोगों को स्वास्थ्य को देखते हुए सरकार को चाहिए कि उनकी भी कोरोना की जांच कराएं ताकि अगर उनमें से कोई व्यक्ति संक्रमित हो तो आगे किसी को यह संक्रमण ना हो। वहीं दूसरी तरफ भीषण ठंड को देखते हुए सरकार को रैन बसेरों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

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