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कोरोना को लेकर कांग्रेस का UP सरकार पर निशाना, आकंडे़ छिपाने का लगाया आरोप

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कोरोना महामारी में सरकारी अनिमितताओं और दुर्व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के दौरान आकंडे़ छिपा रही है।

Ashiki
Published on: 30 April 2020 2:30 PM GMT
कोरोना को लेकर कांग्रेस का UP सरकार पर निशाना, आकंडे़ छिपाने का लगाया आरोप
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कोरोना महामारी में सरकारी अनिमितताओं और दुर्व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना महामारी के दौरान आकंडे़ छिपा रही है।

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि पूरे प्रदेश में टेस्टिंग का आंकड़ा बहुत ही कम है। यूपी सरकार कोरोना महामारी के दौरान आंकड़े छिपा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ कई लोग सवाल उठा रहे हैं। संचार माध्यमों और मीडिया संस्थान से यह भी खबर आ रही है कि सरकार पुलिस के दम पर कोरोना महामारी में मर रहे लोगों का आंकड़ा छुपा रही है। यह प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी है।

कानपुर का हवाला देते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि कानपुर में कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टर, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने पत्र लिखकर खराब पीपीई की शिकायत की है। उन्होने कहा कि इसके साथ ही साथ पूरे प्रदेश में पुलिसकर्मियों को भी मास्क के अलावा अन्य कोई भी बचाव किट आदि नहीं दिया गया है। जबकि उनकी ड्यूटी हॉटस्पॉट पर लगी है। कानपुर में 12 पुलिसकर्मी भी कोरोना महामारी से संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह किसकी जिम्मेदारी है? आखिर पुलिसकर्मियों के लिए उचित बचाव और किट की व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी।

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बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कोरोना महामारी के दौरान यूपी सरकार द्वारा किए जा रहे बचाव कार्याें पर लगातार हमलावर रहे है। बीते बुधवार को उन्होंने कहा था कि सूबे में कोरोना प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री योगी का गृह जिला गोरखपुर जो कि अभी तक कोरोना से अछूता था वहां भी अब इस महामारी ने दस्तक दे दी है।

सवाल ये है कि जब मुख्यमंत्री अपने गृह जिले को ही महामारी की चपेट से नहीं बचा पा रहे हैं तो फिर सूबे की हिफाजत कैसे करेंगे ? प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना से लड़ने के लिए जो संसाधन चिकित्सकों पर या सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था पर खर्च होना चाहिए वो दूसरे गैर जरूरी कामों पर खर्च हो रहे हैं।

रिपोर्ट: मनीष मिश्रा

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