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7500 रुपये महीना किसानों को, सूबे के इस बड़े नेता ने की सरकारों से ऐसी मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने मांग की है कि ‘‘न्याय योजना’’ के तहत केंद्र व राज्य सरकार किसान, मजदूर, रोज कमाने-खाने वाले तथा रेहड़ी लगाने वाले लोगों को पहले माह में 10,000 रुपये और जब तक कोरोना की महामारी रहे तब तक इन्हें 7,500 रुपये प्रतिमाह दे, जिससे इनके परिवार का भरण पोषण होता रहे।
लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने मांग की है कि ‘‘न्याय योजना’’ के तहत केंद्र व राज्य सरकार किसान, मजदूर, रोज कमाने-खाने वाले तथा रेहड़ी लगाने वाले लोगों को पहले माह में 10,000 रुपये और जब तक कोरोना की महामारी रहे तब तक इन्हें 7,500 रुपये प्रतिमाह दे, जिससे इनके परिवार का भरण पोषण होता रहे। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि कोरोना संकटकाल में केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार जनता को राहत देने के बजाए उनके आर्थिक जख्मों को और ज्यादा गहरा कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार आने के बाद डीजल में 819 प्रतिशत उत्पाद शुल्क बढ़ा है और पेट्रोल में 258 प्रतिशत उत्पाद शुल्क बढ़ा है। जबकि ट्रेक्टर, ट्यूबवेल ओर पम्पिंग सेट आदि में केवल डीजल का ही प्रयोग होता है जो कृषि कार्य के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।
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उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सोमवार को कहा कि दुनिया की बाजार में कच्चे तेल की कीमत बीते रविवार को 38.73 डाॅलर प्रति बैरल रही। उन्होंने बताया कि पेट्रोल का आधार मूल्य 17.96 रुपये, परिवहन लागत 0.32 रुपये, डीलर का रेट 18.28 रुपये, उत्पाद शुल्क 32.98 रुपये, डीलर कमीशन 03.56 रुपये तथा वैट 16.44 रुपये तथा डीजल का आधार मूल्य 18.49 रुपये परिवहन लागत 0.29 रुपये, डीलर रेट 18.78 रुपये, उत्पाद शुल्क 31.83 रुपये, डीलर कमीशन 02.52 रुपये और वैट 16.26 रुपये प्रति लीटर है।
पेट्रोल पर टैक्स 49.42 रुपये और डीजल पर टैक्स 48.09 रुपये है। उन्होंने कहा कि आज पेट्रोल 77.78 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 67.90 रुपये प्रति लीटर बेंचा जा रहा है। पिछले सप्ताह पेट्रोल में 5.0 रुपये तथा डीजल में 4.87 रुपये की बढ़ोत्तरी की गयी। भारत में तेल पर टैक्स एवं वैट लगभग 70 प्रतिशत है जबकि अमेरिका में 19 प्रतिशत है।
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तिवारी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी बोलते थे कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि दुनिया की बाजार में कच्चे तेल की कीमत गिर रही है, वे तो सौभाग्यशाली बने लेकिन देश की जनता दुर्भाग्यशाली हो गयी क्योंकि दुनिया की बाजार में कच्चे तेल की कीमत गिरने के बावजूद भी देश में डीजल ओर पेट्रोल की कीमत कम होने की बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना से ग्रस्त भारत की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये किसान, वेतनभोगी, अल्प व मध्यम व्यापारी वर्ग, मजदूर और बेरोजगार को सुविधा मुहैया करायी जाय, सरकारी तंत्र और कम्पनियां दुगुना मुनाफा कमायें, और देशवासी महंगाई की मार झेले, ये दुर्भाग्यपूर्ण और चिन्ताजनक है। चूंकि पेट्रोल का आधार मूल्य 17.96 रुपये है और डीजल का आधार मूल्य 18.49 रुपये है इसलिए अगर सरकार इसे दोगुना मुनाफे पर बेंचे तब भी पेट्रोल 36 रुपये प्रति लीटर और डीजल 38 रुपये प्रतिलीटर बेंचा जाना चाहिए।
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