मोदी सरकार की गलतियों की कीमत चुका रही है जनता: प्रमोद तिवारी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार द्वारा भारतीय रिर्जव बैंक से धनराशि निकाले जाने पर कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की कीमत देश की 130 करोड़ जनता को चुकानी पड़ रही है।

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Published on: 16 Aug 2020 12:38 PM GMT
मोदी सरकार की गलतियों की कीमत चुका रही है जनता: प्रमोद तिवारी
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मोदी सरकार की गलतियों की कीमत चुका रही है जनता: प्रमोद तिवारी

लखनऊ: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार द्वारा भारतीय रिर्जव बैंक से धनराशि निकाले जाने पर कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की कीमत देश की 130 करोड़ जनता को चुकानी पड़ रही है। यह देश की आने वाली पीढ़ियों के साथ धोखा है। तिवारी ने कहा कि दो बार पहले और आज जब ''तीसरी'' बार भारतीय रिजर्व बैंक से जो धनराशि निकाल रहे हैं वह पिछले 70 सालों में कांग्रेस सरकारों के समय में देश की जनता की गाढ़ी कमाई से अर्जित की गयी धनराशि है।

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मोदी सरकार की गलतियों की कीमत चुका रही है जनता: प्रमोद तिवारी

पिछले साल अगस्त माह में भी रिजर्व बैंक के फण्ड से केन्द्र सरकार को करोड़ों की राशि दी गयी

वरिष्ठ कांगेस नेता ने रविवार को जारी बयान में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने केन्द्र सरकार को वर्ष 2019- 20 के लिये रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के ''रिजर्व फण्ड'' से 57,128 करोड़ रुपये (सत्तावन हजार एक सौ अट्ठाईस करोड़ रुपये) दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त माह में भी रिजर्व बैंक के फण्ड से केन्द्र सरकार को 1.76 लाख करोड रुपये की धनराशि दी गयी थी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक अपने ''रिजर्व फण्ड'' में आपातकालीन समय के लिये धनराषि रिजर्व रखती है ।

मोदी सरकार की गलतियों की कीमत चुका रही है जनता: प्रमोद तिवारी

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तिवारी ने कहा कि पिछले दो दशक में केन्द्रीय रिजर्व बैंक के ''रिजर्व फण्ड'' से धनराशि लिये जाने के संदर्भ में दो बार समिति का गठन किया गया था और समिति की सिफारिशें सकारात्मक आने के बावजूद भी तत्कालीन केन्द्रीय सरकारों ने रिजर्व बैंक के रिजर्व फण्ड से धनराशि लेने से इंकार कर दिया था । भारतीय रिजर्व बैंक के दो पूर्व गवर्नर डा. रघुराम राजन और डा. उर्जित पटेल के विचार भी रिजर्व फण्ड से धनराशि देने के विरोध में थे। उन्होंने कहा यह उसी प्रकार है कि जैसे कोई अपने पूर्वजों की गाढ़ी कमाई अपनी असफलताओं पर उड़ा दे।

मनीष श्रीवास्तव

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