कांग्रेस विधानमंडल ने मांगा राज्यपाल से समय, प्रदेश अध्यक्ष की रिहाई की मांग

राज्यपाल से अनुरोध किया है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए और उन्हें ससम्मान रिहा किया जाए।

Aradhya Tripathi
Published on: 1 Jun 2020 12:52 PM GMT
कांग्रेस विधानमंडल ने मांगा राज्यपाल से समय, प्रदेश अध्यक्ष की रिहाई की मांग
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लखनऊ: यूपी विधानसभा में कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश का अभियोजन विभाग किसी न किसी बहाने अजय कुमार लल्लू को येन-केन-प्रकरेण जेल में यातना के लिए विवश कर रहा है। और न्याय पाने में अवरोध उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने कहा है कि उन्हे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने राज्यपाल से कांग्रेस के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए समय देने का अनुरोध किया है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को रिहा किए जाने की मांग

नेता कांग्रेस विधानमंडल दल ने सोमवार को लिखे पत्र में कहा है कि सरकारी कर्मचारियों पर दबाव बना कर लखनऊ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ बेबुनियाद और पूरी तरह से तथ्य रहित मुकदमा थाना कोतवाली हजरतगंज लखनऊ में लिखाया गया है। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए और उन्हें ससम्मान रिहा किया जाए। तथा उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए, जिन्होंने आगरा में और लखनऊ में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को अमानवीय व असम्मान ढंग से गिरफ्तार और प्रताड़ित किया। नेता कांग्रेस विधानमंडल दल ने अपने पत्र के साथ घटना का दो पन्नों का ब्यौरा भी राज्यपाल को भेजा है।

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जिसमे कहा गया है कि जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 1000 बसों को नोएडा और गाजियाबाद से चलाने के लिए बीती 16 मई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था तो मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा उसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद आगरा- राजस्थान सीमा पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को उन बसों को यूपी के अधिकारियों को सौंपने के लिये कहा गया। उन्होंने लिखा है कि पहले तो अधिकारियों ने अजय कुमार लल्लू से लगातार झूंठ बोला। लेकिन बाद में बिना कोई कारण बताये बीती 19 मई को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ प्रदीप माथुर तथा विवेक बंसल को अमानवीय और असम्मान ढंग से गिरफ्तार कर लिया गया। अगले दिन उन्हें न्यायालय के सामने समय से पेश नहीं किया गया, और लखनऊ से पुलिस आने का इंतजार किया गया।

षड़यंत्र के तहत अनुचित तरीके से किया गया गिरफ्तार

चूंकि तथ्यों से परे उन पर दफायें लगायी गयी थी। अतः जैसे ही उन्हें आगरा से जमानत मिली, लखनऊ से गई पुलिस बलपूर्वक अमानवीय ढंग से रात में ही उन्हें लखनऊ ले आयी। और सबकी नजरों से बचाकर उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और सिचांई विभाग के गेस्ट हाउस लाया गया। उन्हें वकील से भी नहीं मिलने दिया। दूसरे दिन उन्हें लखनऊ जेल भेज दिया गया। जहां उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। किसी ने मिलने नहीं दिया जा रहा है। आराधना मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ अगर कोई मुकदमा दर्ज था तो उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए था कि वे दर्ज एफआईआर के खिलाफ न्यायालय से न्याय ले सकें। वे कोई अपराधी नहीं थे,

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वे विदेश नहीं भाग जाते। अगर वह जांच में असहयोग करते, और प्रकरण में दोषी होते तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। लेकिन उन्हें कोई अवसर नहीं दिया गया। यह न्याय और विधानसभा सदस्य के अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लखनऊ के जिस मुकदमें में गिरफ्तार किया गया है उसके किसी भी प्रपत्र या सूची में उनके कहीं भी हस्ताक्षर नहीं है, और न ही कही मौखिक रूप से उनके संवाद ही हैं। उन्हें एक षड़यंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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